रायपुर। छत्तीसगढ़ मे एक शख्स ऐसा है जिसे चुनाव लड़ने का जुनून है | समोसे बेच कर 250-300 रुपए रोज कमाने वाले अजय पाली 22 साल से चुनाव लड़ रहे हैं। पार्षद, विधायक, सांसद भी लड़ चुके हैं। 10 रुपए का समोसा बेचते हैं। गल्ले का आधा पैसा चुनाव के लिए बचाते हैं। बाकी आधे में गुजर-बसर और दुकान चलाते हैं। जब-जब किसी पार्टी के लिए चुनाव लड़ा है, तब भी खर्चा नहीं मिला। अपने दम पर ही लड़ते हैं। वचन-पत्र से लेकर सभी तैयारियां खुद ही करते हैं। पत्नी मदद नहीं कर पाती हैं। पढ़ी-लिखी नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ की कवर्धा सीट से
छत्तीसगढ़ की कवर्धा सीट से विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी है। निर्दलीय लड़ रहे हैं। गरीबों की बात करते हैं। कहते हैं कि 2001 में मैंने पहली बार नगर पालिका का चुनाव लड़ा था। 2018 में राजनांदगांव सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले शिवसेना के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा है। उद्धव ठाकरे भी प्रचार के लिए आए थे। पूर्व सीएम अजीत जोगी को सियासी-हीरो मानते हैं। पिछले चुनाव में 450 वोट मिले थे।
पूर्व सीएम रमण सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमण सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अजय के चार बच्चे भी हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। पत्नी भी काम करती है। आसपास के लोग मजाक भी उड़ाते हैं, लेकिन अजय को फर्क नहीं पड़ता। चुनाव में हजारों रुपए के मुफ्त समोसे भी लोग खा जाते हैं। अजय सब जानते हैं कि धोखा दे रहे हैं, लेकिन कभी किसी को मना नहीं करते हैं। अजय के पास कांग्रेस, भाजपा के अधूरे वादों की लिस्ट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंद्रह लाख रुपए वाले वादे को अब तक का सबसे बड़ा सियासी-झूठ बताते हैं