COVID-19 test के दौरान सभी से उनका नाम पता आदि पूछा जाता था। उस समय दिया गया यह डाटा अब Dark Web पर लीक हो गया है। इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा डाटा लीक मामला माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के पास 81.5 करोड़ भारतीयों की जानकारी उपलब्ध है। जो उसे COVID-19 test के दौरान मिली थी।अब यह डाटा Dark Web पर बिक रहा है।
CBI कर सकती है मामले की जांच
लीक हुए डाटाबेस में COVID-19 test करवाने वाले भारतीयों के नाम, फोन नंबर, आधार और पासपोर्ट की जानकारी भी मौजूद है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस डाटा लीक मामले की जांच भारत की प्रमुख एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) इस मामले की जांच कर सकती है। इस बारे में जानकारी देने वाले एक X User ने दावा किया कि नागरिकों के COVID-19 test विवरण से निकाला गया यह डाटा ICMR से प्राप्त किया गया है।
ICMR के डाटा से मिल रहा हुआ लीक डाटा
यूजर ने सबूत के तौर पर आधार डाटा के कुछ हिस्सों के साथ सैंपल को शेयर किया है। CERT-In ने डाटा लीक के बारे में ICMR को सूचित किया है। जांच में बिक्री के लिए उपलब्ध डाटा ICMR के डाटा से मिल रहा है।
ICMR फरवरी से कई साइबर हमले के प्रयासों का सामना कर रहा है और केंद्रीय एजेंसियों को भी इसकी जानकारी थी। पिछले साल ICMR सर्वर को 6,000 से अधिक बार हैक करने की कोशिश की गई।
यह दूसरी बार भारतीय लोगो का डाटा चोरी
यह पहली बार नहीं है जब भारत में किसी बड़े चिकित्सा संस्थान से डेटा चोरी हुआ है। इस साल की शुरुआत में, साइबर अपराधियों ने एम्स के सर्वर को हैक कर लिया था। संस्थान से 1TB से अधिक डेटा को चुरा लिया गया और भारी फिरौती भी मांगी गई थी। अस्पताल को 15 दिनों तक मैन्युअल रिकॉर्ड रखना पड़ा था। इससे संस्थान में भीड़ बढ़ गई थी और सारा काम-काज धीमा हो गया था। उससे कुछ महीने पहले दिसंबर 2022 में एम्स दिल्ली का डेटा चीन के हैकर्स ने चुरा लिया था और क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये की मांग की थी।