दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में अपना बयान देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ED के सामने पेश नहीं होंगे। दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को तलब किया था, जिसमें आप के वरिष्ठ मंत्री मनीष सिसौदिया को भी गिरफ्तार किया गया था।
इसके बजाय, अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए प्रचार करने का फैसला किया है। एक पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि “वह मध्य प्रदेश के सिंगरौली जाएंगे जहां वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक रोड शो में हिस्सा लेंगे। वह थोड़ी देर में मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे।”
ED के सामने पेश ना होने का कारण लिखते हुए अरविंद ने ये लिखा
पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक और स्टार प्रचारक होने के नाते मुझे चुनाव प्रचार के लिए यात्रा करनी पड़ती है और अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक मार्गदर्शन देना पड़ता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे पास शासन और आधिकारिक प्रतिबद्धताएं हैं जिनके लिए मेरी उपस्थिति जरूरी है, खासकर दिवाली के मद्देनजर, कृपया समन को रिकॉल करें।
केजरीवाल ने आगे लिखा
“समन में ये साफ नहीं है कि मुझे क्यों बुलाया जा रहा है। केस में मुझे गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या संदिग्ध के तौर पर, दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर इसकी कोई जानकारी नहीं है।”
मुझे बदनाम करने की बीजेपी की चाल है ये समन – केजरीवाल
30 अक्टूबर की दोपहर में BJP नेताओं ने बयान दिए कि मुझे समन भेजा जाएगा और अरेस्ट किया जाएगा और उसी शाम मुझे ED का समन भेजा गया। साफ है कि मेरी इमेज खराब करने के लिए समन BJP नेताओं को लीक किया गया।
इससे पहले भी केजरीवाल ने कहा था कि समन नोटिस अवैध और राजनीति से प्रेरित है। बोले- नोटिस BJP के इशारे पर भेजा गया था ताकि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए न जा सकूं। केजरीवाल ने कहा था कि ED को तुरंत ये नोटिस वापस लेना चाहिए।
इस मामले के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल को इस साल अप्रैल में CBI ने तलब किया था। हालांकि, पिछले साल 17 अगस्त को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट FIR में केजरीवाल को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था।