भारत को वापस मिल सकती है चोरी हुई दो बहुत ही मूल्य मूर्तियां। बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत से चोरी हुई और हाल ही में इंग्लैंड में खोजी गई 8वीं शताब्दी की दो मंदिरों की मूर्तियों के लिए लंदन में एक प्रत्यावर्तन समाहरो की अध्यक्षता करी। 1970 और 1980 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मंदिर से चोरी हुई योगिनी चामुंडा और योगिनी गोमुखी की प्रतिमाएं, इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट और आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल की मदद से भारतीय उच्चायोग द्वारा बरामद की गई।
दर असल, जयशंकर ने यूके में अपने पांच दिवसीय दौरे के दौरान प्रतिमाओं का अनावरण किया और उन्होंने ने कहा कि उन्हें स्वदेश में मूर्तियों की वापसी का इंतजार रहेगा। जयशंकर ने अपने बयान में, यूके की दूसरे देशों से पुरानी चोरी की आदत पर अप्रत्यक्ष रूप से निशान साधते हुए कहा कि, अभी तक जहां भी भूल हुई है और जब भी इन्हे ठीक किया जाता है तो मुझे लगता है कि यह बहुत महत्पूर्ण बात होगी, ना ही केवल इस मामले में बल्कि एक संदेश के रूप में यह एक ऐसी प्रथा है जो आज के दिन और युग में बिलकुल भी स्वीकार नहीं है।
इंग्लैंड के आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल क्रिस मरीनेलो ने कहा कि, यह पांचवी बार है जब हम सांस्कृतिक विरासत के महत्वपूर्ण टुकड़े भारत को लौटाने में सक्षम रहे है। क्रिस ने कहा कि वह इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के साथ बहुत ही करीबी से काम करते है, और जब भी वह अपने किसी वस्तु की पहचान करते है, तो हम आगे आते है मैत्रीपूर्ण समाधान तक पहुंचने के प्रयास में मालिकों के साथ बात करते है।
जसप्रीत सिंह सुखीजा, जो की लंदन में भारत उच्चायोग पर प्रथम सचिव, अर्थशास्त्र और व्यापार के रूप में कार्य करते है, वो इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के साथ मिलकर इन प्रतिमाओं की वापसी के कार्य में लगे हुए है। आपकी जानकारी के किए बता दे कि, इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट भारत द्वारा स्थापित संस्थान है जो की भारत की खोई हुई कलाकृतियों को पुनः वापस लाने का कार्य करती है।