उत्तर प्रदेश के बदायूं में दहेज हत्या का शिकार हुई एक नवविवाहित महिला का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। परिजनों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर आंखें निकालने का आरोप लगाया है। डीएम मनोज कुमार ने कहा कि इन आरोपों को देखते हुए महिला के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया और आंखें गायब होने की जांच की गई। अलापुर थाना इलाके के गांव कुतरई निवासी गंगा चरण की बेटी पूजा की शादी मुजरिया थाना इलाके के गांव रसूला में हुई थी। परिवार द्वारा बताया गया की उनकी बेटी को दहज के लिए काफी परेशान किया जाता था। जिसके बाद रविवार को उसकी कथित रूप से दहेज के लिए हत्या कर दी गई।
बताया गया कि सोमवार को पूजा के परिजन उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे। पोस्टमार्टम के बाद शव को काले बैग में रखकर परिजनों को दे दिया गया। लेकिन घर जाकर जब परिजनों ने बैग खोलकर शव को देखा तो उसकी दोनों आंखें गायब थीं। जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर आंखें निकालने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि जब डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए लाई गई थी तब उसकी दोनों आंखें सही सलामत थीं, मगर पोस्टमार्टम करते समय आंखें निकाल ली गईं। आक्रोशित परिवारजनों ने लापरवाह डॉक्टर व स्टाफ पर कार्रवाई होने तक शव का अंतिम संस्कार ना करने की बात कही डॉक्टर्स पर कार्यवाही के बाद शव का अनितं संस्कार कियागया।
मंगलवार दोपहर सिविल लाइंस पुलिस ने मृतक पूजा के पिता गंगाचरण की तहरीर पर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और वह के कर्मचारियों के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 धारा 18 और धारा 297 (मानव भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के आरोप में FIR दर्ज की है। इस संबंध में महिला के शव का पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों को सिविल लाइंस थाने बुलाया गया। जिसके बाद थाने में उनके बयान दर्ज किए गए हैं।
इस मामले पर जिलाधिकारी ने कहा यह एक बहुत शर्मनाक और निंदनीय घटना है। हमारी टीम इस पूरी घटना की जांच कर रही है जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें किसी भी परिस्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं पुलिस ने जानकारी दी कि, दोबारा पोस्टमार्टम होने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।