कर्नाटक के बेलगावी जिले में 11 दिसंबर को महिला के साथ अत्याचार कर घुमाने और फिर खंभे से बांधकर पीटने की घटना में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही लापरवाही के आरोप में एक पुलिस इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंन्नूर को सस्पेन्ड कर दिया गया है। पुलिस विभाग को जांच में पता चला कि अधिकारी घटना स्थल पर तीन घंटे देरी से पहुंचा था। इस बीच इस घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू की एक टीम पीड़िता से मिलेगी और मामले की जांच करेगी।
क्या था पूरा मामला ?
आपको बता दे की यह पूरा मामला 11 दिसंबर का है। जहा अपने बेटे की गलती की सजा एक माँ को दी गई। महिला का बेटा एक लड़की के साथ भाग गया। जिसके बाद महिला के साथ स्थानीय लोगों ने शर्मनाक हरकत कि। पुलिस द्वारा जांच पढ़ताल में पता चल की,लड़की की सगाई किसी और से होने वाली थी। लेकिन महिला का बेटा उस लड़की को भगा ले गया। जिसकी वजह से आक्रोशित लोगों ने कथित तौर पर महिला के साथ पहले मारपीट की। इसके बाद उसे नग्न कर गांव में घुमाया। इतना ही नहीं बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना में लोगों ने पीड़िता को बिजली के खंभे से बांध दिया।
राज्य सरकार पर लगातार किया जा रहा हमला
इस घटना को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य सरकार पर लगातार हमला किया जा रहा है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने आज यानि शनिवार को इस प्रकरण पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन भी किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि 8 आरोपी अब भी फरार हैं। इसका मतलब है की राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। इतना ही नहीं बल्कि इस घटना तो आज 7 दिन से ज्यादा हो चुके है फिर भी मुख्यमंत्री अभी तक पीड़िता से मिलने अस्पताल नहीं गए।
महिला आयोग टीम जाएगी जानकारी लेने के लिए
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा, “ऐसे क्रूर अत्याचार करने वालों पर कर्नाटक पुलिस को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब हाईकोर्ट के दवाब के कारण की पुलिस ने थोड़ा काम किया है, लेकिन पीड़िता को क्या मदद मिली इसकी जानकारी लेने के लिए हमारी एक टीम जाएगी जो इस बात की और इस घटना की पूरी जानकारी लेंगी।
वित्त्र मंत्री ने भी की आलोचना
इस घटना पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कर्नाटक सरकार की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया ‘X’ पर कहा, ‘कांग्रेस के राज में एससी और एसटी के लिए कोई ‘न्याय’ नहीं है। बेलगावी में हुई हालिया घटना उसी श्रेणी में आती है, जैसा कि हाल ही में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दलितों के साथ बार-बार होता आया है’वही भारतीय जनता पार्टी ने बेलगावी की घटना की जांच को लेकर पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है।