उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में दुनिया का सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर बन कर तैयार हुआ है। इसे 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को उद्घाटन किया गया। इसके बाद उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ पूरे केंद्र का दौरा भी किया। आपको बता दे कि मेडिटेशन सेंटर में एक साथ में 20,000 लोग बैठ सकते हैं। यह मेडिटेशन सेंटर 7 मंजिला है। जिसका नाम स्वर्वेद महामंदिर है। इस मेडिटेशन सेंटर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद और बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए है। इतना ही नहीं बल्कि इस मंदिर को कमल के फूल की आकृति कि तरह बनाया गया है। जिसकी दीवारों पर 4000 वेदों के दोहे लिखे गए हैं। यह मेडिटेशन सेंटर अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा मेडीटेशन सेंटर है। जिसने अब इतिहास रच दिया है। हालांकि इसकी बनावट को बेहद खूबसूरत मानी जा रही है।
क्या अर्थ है स्वर्वेद मंदिर के नाम का
स्वर्वेद मंदिर का नाम स्व: और वेद से जुड़कर बना है। स्व: का एक अर्थ है आत्मा या परमात्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान। आत्मा का ज्ञान जिसके जरिए हो उसे ही स्वर्वेद कहा जाता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर भगवान की नहीं, योग- साधना की पूजा होगी। आपको बता दे कि ये स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। जिसे 20 साल में बनकर तैयार हुआ है। यह एक 7 मंजिला मेडिटेशन सेंटर है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा सेंटर कहा जाता है। अभी-अभी बना स्वर्वेद महामंदिर 3 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है।
आइए जानते है इस स्वर्वेद महामंदिर कि विशेषताएं
- स्वर्वेद महामंदिर 64 हजार वर्ग फीट में फैला हुआ है और सात मंजिला बना है।
- इस मंदिर को बनाने में 20 साल का वक्त लगा और 100 करोड़ रुपए की लागत लगी है।
- इस मंदिर की ऊंचाई की अगर बात कर तो यह 180 फीट ऊंचा है और इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है।
- इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं।
- इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां भगवान की नहीं बल्कि योग साधना की पूजा होंगी।
- इस मंदिर की खासियत है कि इसमें कमरे नहीं बने है।
- स्वर्वेद मंदिर की डिजाइन 9 कमल पर बनाई गई हैं। यह स्वर्वेद के सिद्धांत के अनुसार हैं। इसमें बड़े कमल में 125 पत्तियां हैं।
- स्वर्वेद महामंदिर को हाइटेक लाइट्स से सजाया गया है।
- मंदिर के अंदर 3137 स्वर्वेद के दोहे दीवारों पर लिखे हैं। यह स्वर्वेद ग्रंथ के मुताबिक ही हैं। साथ ही इस महामंदिर में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की प्रतिमा होंगी।