ज़ाम्बिया। दक्षिणी अफ्रीकी देश ज़ाम्बिया हैजा के प्रकोप से जूझ रहा है। पिछले साल के अक्टूबर से शुरू हुई यह बीमारी अभी तक देश में खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। देश में अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 10,000 से अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं। हैजा के कारण अधिकारियों ने देश भर के स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है। राजधानी लुसाका में एक बड़े फुटबॉल स्टेडियम को उपचार केंद्र में बदल दिया गया है।
टीकाकरण शुरू करने पर सरकार का पूरा ज़ोर
ज़ाम्बिया सरकार बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर रही है। उनका कहना है कि, वह देश के प्रभावित समुदायों को प्रतिदिन 24 लाख लीटर स्वच्छ पानी उपलब्ध करा रही है। ‘ज़ाम्बिया पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट’ ने कहा है कि, ” हम जल्द ही इस बीमारी से निकलने का कोई रास्ता खोज लेंगे”।
10 में से 9 प्रांत हैजा की चपेट में
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, देश के लगभग आधे जिले और 10 में से 9 प्रांत हैजा की चपेट में हैं। करीब 2 करोड़ आबादी वाले देश में प्रतिदिन 400 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
क्या है हैजा?
हैजा जल जनित बीमारी है जो गंदगी वाले क्षेत्रों में फैलती है। यह बीमारी दूषित पानी या भोजन ग्रहण करने से होती है। जिम्बाब्वे में भी पिछले वर्ष हैजा फैला था। यहां भी स्वच्छ पेयजल की समस्या थी। जब यह हैजा यहां फैला तब मानीकलांद और मासविंगो प्रांत के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम संस्कारों में शामिल होने वालों की संख्या 50 तक सीमित करनी पड़ी थी।
हैजा के लक्षण
आंतों में फैलते ही बैक्टीरिया संक्रमित मरीज में डायरिया फैला देता है। यह बिल्कुल अचानक से होता है। इसके बाद मरीज को उल्टी और मतली होने लगती है और एक घंटे के बाद दस्त शुरू हो जाते हैं, जिससे शरीर से पानी निकलने लगता है। हैजा बहुत ही जल्द संक्रमित मरीज का वजन 10 प्रतिशत तक कम कर देता है।