दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 61 वर्षीय ब्रेन डेड महिला के दोनों हाथ काटकर उस युवक को लगा दिए। जिसने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों हाथों को खो दिया था। हालांकि अब दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा 45 वर्षीय युवक के दोनों हाथों को वापस लौटा दिया गया है, और यह ब्रेन हेमरेज की शिकार हुई महिला के अंगदान से संभव हो पाया है। गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि, यह उत्तर भारत में दोनों हाथों के सफल ट्रांसप्लांट का यह पहला मामला है।
ट्रेन हादसे में कट गए थे दोनों हाथ
डॉक्टरों ने बताया कि, तीन साल पहले 2020 में ट्रेन हादसे में उस युवक के दोनों हाथ कट गए थे। एक हाथ कोहनी से और दूसरा हाथ कोहनी से थोड़ा नीचे से कट गया था। अस्पताल प्रशासन के अनुसार दिल्ली की रहने वाली बुजुर्ग महिला ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं, और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गईं। इसके बाद उनके परिजनों ने अंगदान का फैसला किया। जिसके बाद National Organ and Tissue Transplant Organization ने दान में मिली एक किडनी गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल को दे दी।
12 घंटे से ज्यादा समय तक चला ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार इस ट्रांसप्लांट को करने के लिए मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम ने 12 घंटे तक काम किया। महिला के अंग अलग-अलग लोगों को दान किए गए है। महिला की एक किडनी फोर्टिस गुड़गांव भेजी गई, जहां एक मरीज को वह किडनी लगाई गई है। इसके अलावा महिला के दोनों हाथ, लीवर और कॉर्निया सर दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के अलग-अलग मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई हैं। इसके अलावा जिसे किडनी मिली है वह महिला एक टेक प्रोफेशनल है, और 11 साल से हीमोडायलिसिस पर थी। अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि, उत्तर भारत में हमने पहली बार बाइलेटरल हैंड ट्रांसप्लांट को सफल रूप से किया है।