केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत गाइडलाइन फॉर रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन कोचिंग सेंटर-2024 जारी की है। जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को कोचिंग में प्रवेश नहीं देने और कक्षा 10वीं के बाद ही विद्यार्थियों को संस्थानों में प्रवेश देने के लिए आदेश दिए है। हालांकि इसके बाद कोटा की कोचिंग इंस्टीट्यूट को झटका लग सकता है, क्योंकि कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की एंट्रेंस परीक्षा की तैयारी करने के लिए कक्षा 9वीं से ही स्टूडेंट पढ़ने आते हैं, जिनकी उम्र 16 साल से भी कम होती है। ऐसे बच्चों की संख्या करीब 30 फीसदी के आसपास होती है। कोटा के 10 बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले करीब एक लाख स्टूडेंट हैं। हालांकि कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार की नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद कोटा से कई कोचिंग इंस्टीट्यूट के शिक्षक और इंस्टीट्यूट मालिक के रिएक्शन आ रहे हैं।
कोटा के एक हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा
राजस्थान के कोटा में हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि, कोचिंग सेंटर के लिए केंद्र सरकार की जो नई गाइडलाइन आई है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग में एडमिशन नहीं दे सकते, इससे मैं सहमत नहीं हूं, मुझे लगता है कि, 16 वर्ष के बच्चों की यह उम्र सीखने की ही उम्र होती है। केंद्र सरकार को इस बारे में एक बार फिर से विचार करना चाहिए और जितने भी बच्चे 16 वर्ष के है, व 9वीं और 10वीं में पढ़ रहे हैं, उनके पेरेंट्स से भी चर्चा करनी चाहिए। सरकार को चर्चा करके इस नियम को दोबारा लागू करना चाहिए, नहीं तो जो बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, वे आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश से इन पर पड़ेगा असर
कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड और अन्य शहरों की अव्यवस्थाओं को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद इस निर्देश को बनाया गया है। कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट बताते हैं “यह निर्देश यदि सरकार ने बनाया है तो इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस निर्देश के तहत यदि 16 साल या उससे कम उम्र का बच्चा यहां पढ़ने नहीं आता है तो, हॉस्टल संचालको, मेस संचालकों और अन्य लोगों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा”।
नई पॉलिसी में दिए गए है ये निर्देश
• नई गाइडलाइन के अनुसार 50 से अधिक स्टूडेंट्स के प्रवेश वाले इंस्टीट्यूट को ही कोचिंग माना जाएगा। साथ ही स्टूडेंटस के बैठने के लिए पर्याप्त जगह की व्यवस्था होनी चाहिए।
• विद्यार्थी के स्कूल समय के दौरान कोचिंग नहीं दी जा सकेगी।
• एक दिन में 5 घंटे से अधिक से समय की क्लास नहीं होगी। इसके अलावा क्लास सुबह जल्दी और देर शाम तक भी नहीं चलाई जा सकेगी।
• 10वीं की क्लास पूरी करने के बाद ही विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाए।
• प्रवेश के तहत विद्यार्थियों को अन्य विकल्प भी बताए जाएं। इनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा के अलावा विद्यार्थी किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं, ये भी जानकारी देनी होगी। उसे हर फील्ड के करियर ऑप्शन भी बताने होंगे।
• सार्वजनिक अवकाश और त्योहार पर कोचिंग इंस्टीट्यूट को छुट्टी देनी होगी।
• कोचिंग संस्थान के जरिए लिए जाने वाले टेस्ट का रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किया जाएगा हर बच्चों को अपना अपना रिजल्ट बताया जाए।
• यदि कोई छात्र किसी भी समय कोर्स को छोड़ता है तो, 10 दिन में कोचिंग संस्थान को फीस वापस लौटानी होगी।
• हर तीन महीने में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग होगी। सीसीटीवी, स्टूडेंट की अटेंडेंस पर नजर होगी, स्क्रीनिंग होगी, टेस्ट, एडमिशन फीस रिफंड सहित कई चीजों को इसमें शामिल किया गया है।
• नियमों को नहीं मानने वाली कोचिंग इंस्टीट्यूट पर पहली बार 25 हजार व दूसरी बार एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, और तीसरी बार रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।