केरल की एक लोकल अदालत ने 19 दिसंबर 2021 में एक भाजपा नेता की हत्या के मामले में 15 आरोपियों को दोषी ठहराया है और सीधे मौत की सजा सुनाई गई हैं। इस्लामी राजनीतिक संगठन PFI से जुड़े इन दोषियों को भाजपा के OBC मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवास की हत्या के मामले में 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सजा सुनाई गई हैं।
क्या है पूरा मामला ?
रंजीत श्रीनिवास की 19 दिसंबर 2021 को उनके घर में घुसकर परिजनों के सामने हत्या कर दी गई थी। इस मामले में केरल के अलप्पुझा जिले की मवेलीकारा कोर्ट ने, नईसम, मोहम्मद असलम, अनूप, अजमल, अब्दुल कलाम उर्फ़ सलाम, अब्दुल कलाम, सफरुद्दीन, मनषद, जसीब राजा, नवास, समीर, नज़ीर, जाकिर हुसैन, शाजी और शेरनस अशरफ को हत्या का दोषी पाया गया हैं।
ये सभी अलप्पुझा के ही रहने वाले हैं और इस्लामिक राजनीतिक संगठन PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI से जुड़े हुए हैं। इन दोषियों में शुरुआती 8 को रंजीत की हत्या में सीधे तौर पर दोषी माना गया है। इन पर कोर्ट ने धारा 302 समेत चार और धाराएँ लगाई हैं।
यह तथ्य सामने आया है कि, बाकी जब 8 आरोपी रंजीत की हत्या कर रहे थे, तब बाकी दोषी उनके घर के बाहर हथियारों के साथ पहरा दे रहे थे। इसके अलावा दोषियों को इस हत्या की साजिश रचने और हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है।
कोर्ट के सामने इस मामले में पुलिस ने आरोपी अनूप के फ़ोन से बरामद एक हिटलिस्ट रखी थी। इस केस में यह बहुत बड़ा सबूत बना। इस हिटलिस्ट में रंजीत श्रीनिवास समेत 150 से अधिक लोगों के नाम थे। इनमें भाजपा और हिंदू संगठनों के कई नेताओं के नाम भी शामिल थे। कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा ने खुशी जताई है।
रंजीत की हथौड़े से हत्या की
रंजीत के भाई अभिजीत ने बताया कि, “भाई को कोच्चि में OBC मोर्चा कि समिति की पहली बैठक में शामिल होना था। हमारे परिवार के लिए यह दिन पवित्र था। दोनों भाई रविवार सुबह बेटी भाग्या को ट्यूशन छोड़कर घर लौटे, तब तक सब ठीक था। रंजीत के पास कोई वजह नहीं थी कि वो तंग हों। मगर SDPI नेता शान की कथित हत्या के बाद गैंग ने बदला लेने के लिए नेता की तलाश शुरू की।”
अभिजीत ने बताया था कि, उनके भाई के सिर में हथौड़े से वार हुआ और बीवी, माँ और छोटी बेटी के सामने उनका चेहरा कूच दिया गया। छोटी बेटी जब भागकर बचाने आगे आई तो गैंग ने उसके सामने तलवार निकाल ली। माँ को जमीन में गिराकर उन्हें कुर्सी से दबा दिया गया। उन्होंने बताया कि गुंडों ने उनके भाई रंजीत के पहले पैर काट दिए, ताकि वो भाग न सकें और फिर हत्या कर दी।
श्रीनिवासन की हत्या से एक रात पहले RSS बीजेपी दल द्वारा SDPI के राज्य सचिव ‘केएस शान’ की हुई हत्या के बदले में की गई थी। PFI की ही राजनीतिक शाखा है। 2021 में PFI की आतंकवादी मानसिकता को देखते हुए उसे बैन कर दिया गया था। केरल कोर्ट में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ इतने आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है।