हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया। एक के बाद एक कई ब्लास्ट हुए, इस ब्लास्ट में 11 लोगो की मौत हो चुकी है और अभी आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही हैं और हादसे में सकड़े लोगो की घायल भी हैं। इस हादसे में 50 से ज्यादा घर आग की चपेट में आ गए। इस घटना से इलाके में भगदड़ मच गई।
अवैध रूप से चल रही थी फैक्टरी
हरदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है, ये फैक्टरी अवैध रूप से चल रही थी। नगर पालिका के क्षेत्र के अंतर्गत बैरागढ़ एरिया के अंतर्गत इसे संचालित किया जा रहा था। इसके पहले की फैक्टरी सील हो चुकी थी। यहां पहले भी दो से तीन लोगों की मौत हुई थी।
हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया
हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। पटाखा फैक्टरी के घायलों को इसी कॉरिडोर से भोपाल के हमीदिया अस्पताल और एम्स भोपाल लाया जाएगा। सीएमएचओ हरदा डॉ. एचपी सिंह ने बताया कि पटाखा फैक्टरी में विस्फोट में घायल हुए 7 लोगों को हरदा जिला अस्पताल से भोपाल के हमीदिया अस्पताल रैफर किया गया। हरदा सहित आसपास के जिलों से करीब 114 एंबुलेंस को रवाना किया गया है।
सीएम ने जारी किए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लेते हुए कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह, ACS अजीत केसरी, डीजी होमगार्ड को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना स्थल पर NDRD, SDRF की टीमों और फायर ब्रिगेड समेत एंबुलेंस को भेजा जा रहा है। साथ ही घायलों के बेहतर उपचार के लिए इंदौर मेडिकल कॉलेज और भोपाल एम्स में बर्न यूनिट को तैयारी रखने के भी निर्देश दिए गए है।
इंदौर और भोपाल से रवाना हुई एंबुलेंस
इंदौर से हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के घायलों को इलाज और उन्हें लाने के लिए 20 ICU एंबुलेंस हरदा के लिए रवाना हो गई हैं। कलेक्टर आशीष सिंह एमवाय हॉस्पिटल पहुंचे हैं। जहां उन्होंने बर्न यूनिट का निरीक्षण किया। इसके अलावा फायर फाइटर की टीम भी हरदा के लिए रवाना हुई है। शासकीय और प्राइवेट अस्पताल में बर्न यूनिट को तैयार किया गया है। यहां 200 बर्न यूनिट बेड बनाने की तैयारी है।
हरदा हादसे की अब इन बाते पर होगी जांच
गृह सचिव ने हरदा हादसे की जांच के आदेश दे दिये हैं। ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी राजू अग्रवाल कैसे पटाखा फैक्टरी चला रहा था, हरदा में इतनी बड़ी मात्रा में कैसे बारूद का स्टॉक हो गया, जिम्मेदार अधिकारी ने एक्शन क्यों नहीं लिया। इसके पहले की फैक्टरी सील हो चुकी थी। यहां पहले भी दो से तीन लोगों की मौत हुई थी।