इंदौर। इंदौर शहर के एक थाने में नाइजीरियन आरोपी को रखना पुलिस को काफी महंगा पड़ा। नाइजीरिया के आरोपी को ऑनलाइन ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।हालांकि दोष मुक्त होने के बाद वह इंदौर पुलिस के लिए बड़ी जिम्मेदारी बन गया था। जिसके लिए इंदौर पुलिस को उसे अपने देश वापस भेजने के लिए 5 लाख रुपये खर्च करने पड़े।
दरअसल, 62 वर्षीय इंदौर की एक बुजुर्ग महिला से ऑनलाइन धोखाधड़ी में इंदौर की साइबर सेल ने आरोपी विज्डम ओबिन्ना चिमिजी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद विज्डम को दो साल की जेल हुई थी। दो साल जेल में रहने के बाद उसके वकील ने उसका केस लड़ा। लेकिन इंदौर की साइबर सेल ने आरोपी के खिलाफ जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किया था, उसमें आरोपी के खिलाफ एक भी सबूत कोर्ट में पेश नहीं कर पाए। जिसके बाद कोर्ट ने उसे पांच महीने पहले दोष मुक्त कर दिया था। पुलिस ने सिर्फ मोबाइल सिम और आईपी एड्रेस के आधार पर उसे मुलजिम बनाकर दो साल की जेल करवा दी।
कोर्ट से दोष मुक्त होने के बाद आरोपी का नाइजीरिया जाने ले लिए वीजा और इमरजेंसी ट्रेवलिंग सर्टिफिकेट नहीं मिल पाने की वजह से पुलिस को उसे मेहमानों की तरह थाने में रखना पड़ा। पुलिस को उसके रहने और खाने-पीने का खर्चा भी उठाना पड़ा। साथ ही उसकी निगरानी के लिए 4 महीनों तक एक गार्ड भी रखना पड़ा। और सबसे बढ़ी परेशानी यह थी कि, आरोपी को इंग्लिश नहीं आती थी। जिसकी वजह से पुलिस अधिकारियों को उससे बात करने में परेशानी होती थी। पुलिस अधिकारीयो को उससे बात करने के लिए एंबैसी से बात करानी पड़ती थी।