रेलवे कर्मचारियों ने एक बार फिर पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके तहत रेलवे यूनियनों ने ओपीएस की मांग पूरी नहीं होने पर 1 मई से ट्रेनें रोकने की धमकी दी है। हाल ही में देशभर में रेलवे के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर चार दिन की भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसके बाद अब रेलवे कर्मचारी यूनियनों ने रेल रोकने की अब धमकी दी है।
1 मई से काम बंद करने की चेतावनी
वृद्धावस्था पेंशन की मांग को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से हड़ताल की चेतावनी दी है। इसके लिए रेलवे कर्मचारियों और विभिन्न संगठन पुराने पेंशनों की बहाली के लिए ज्वाइंट फोरम, स्कॉब्स के बैनर तले एक साथ आते हैं। फोरम ने चेतावनी दी है कि, अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम 1 मई से रिपब्लिक में रेलवे बिजनेस बंद कर देंगे।
ज्वाइंट फोरम ने सरकार पर लगाया आरोप
पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले रेलवे यूनियनों के संयुक्त मंच ने इस संबंध में एक बयान जारी किया। बयान में सरकार पर रेलवे कर्मचारियों की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग पर ध्यान न देने का आरोप लगाया गया है। फोरम के अनुसार उनके पास स्ट्राइक के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सरकार नई पेंशन योजना को समाप्त करने और नामांकित पुरानी पेंशन योजना की बहाली की हमारी मांग के प्रति पूरी तरह से अलग है। अब हमारे पास सीधा एक्शन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन का बयान
मिश्रा रेल कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी भी हैं। उन्होंने कहा कि, “विभिन्न रेल यूनियन के प्रतिनिधि फोरम के बैनर तले 19 मार्च को रेल मंत्रालय को नोटिस भेजकर प्रस्तावित हड़ताल के बारे में सूचित करेंगे, जिसमें मंत्रालय को बताया जाएगा कि, हड़ताल के कारण 1 मई से देश भर में रेल सेवाएं बंद हो सकती हैं। मिश्रा का दावा है कि, विभिन्न रेल यूनियनों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के कई अन्य यूनियन भी प्रस्तावित हड़ताल में हिस्सा ले सकते हैं।”
अब देखना यह की सरकार रेलवे यूनियनों और कर्मचारियों की मांगे पूरी करती है या फिर 1 मई से रेलवे यूनियनों और कर्मचारियों हड़ताल पर बैठ जाएंगे।