कल बेंगलुरु के एक मशहूर कैफे “रामेश्वरम कैफे” में धमाका हुआ था। धमाका करीबन दोपहर 12:30 से 1 के बीच हुआ था। इस धमाके में 9 से 10 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी। सभी घायलों को फौरन अस्पताल ले जाया गया था। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि, सिलेंडर फटने से यह हादसा हुआ था। जिसके चलते कैफे पर लापरवाही का आरोप लग रहा था। लेकिन कैफे के मालिक राघवेंद्र राव और दिव्या राव ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि, यह ब्लास्ट एक व्यक्ति के लाए गए बैग की वजह से हुआ था।
ब्लास्ट के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL), बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की टीम ने जांच की। उस जांच में पता चला कि, ब्लास्ट एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से हुआ था। जांच के दौरान कैफे में लगे कैमरे की फुटेज से पता चला कि, कैफे में ग्राहक बनकर आए एक संदिग्ध व्यक्ति के बैग से यह धमाका हुआ था। फुटेज में आरोपी केप, काला चश्मा और मास्क लगाए दिख रहा है। आरोपी की उम्र 28 से 30 साल के बीच बताई जारी है। कैफे के कर्मचारियों से पता चला है कि, संदिग्ध ने खाने के लिए रवा इडली ऑर्डर किया था। लेकिन वह इडली खाए बिना ही अपना बैग पेड़ के पास रख कर चला गया था। सूचना के मुताबिक संदिग्ध IED में एक घंटे का टाइमर सेट करके गया था।
कर्नाटक के गृह मंत्री “डॉ जी परमेश्वर” के मुताबिक संदिग्ध एक BMTC बस से आया था। वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री “डी के शिवकुमार” का कहना है कि, इस ब्लास्ट और 2022 में मंगलुरु में हुए ब्लास्ट में काफी समानता है। शिवकुमार ने कहा है कि, ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई सामग्री काफी हद तक एक समान थी। दोनों ही धमाकों में टाइमर और अन्य चीज़ों में एक जैसी लिंक थी। मंगलुरु और शिवमोग्गा की पुलिस यहां जांच कर रही है।
दरअसल, नवंबर 2022 में भी एक ऐसा ही एक हादसा हुआ था। उस हादसे मे मोहम्मद शारिक नाम के व्यक्ति का मंगलुरु में धमाका करने का इरादा था। लेकिन उसके पहले ही, बैग में रखा IED गलती से ऑटो में सफर के दौरान ही फट गया था। उस हादसे में आरोपी 40% चल गया था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ‘सिद्धारमैया’ ने रामेश्वरम विस्फोट और मंगलुरु विस्फोट के बीच किसी भी तरह के संबंध से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि, यह बहुत संवेदनशील मामला है। इस में भाजपा को कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। धमाके की अभी भी जांच चल रही है।
इस मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी अपनी भागीदारी दे दी है। भाजपा द्वारा दवाब देने के बाद, कर्नाटक सरकार ने NIA की भागीदारी को स्वीकार की है। इसमें भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि, कांग्रेस द्वारा कट्टरपंथियों को दिए जा रहे प्रोत्साहन और समर्थन के कारण ही कर्नाटक में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
वहीं इस मामले को राजनीतिक फायदे के हिसाब से भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कल हुए इस हादसे के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में सिद्धारमैया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हालांकि इस मामले की जांच अभी भी जारी है।