CAA कानून के तहत केंद्र सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद में रह रहे पाकिस्तान के 18 हिंदू शरणार्थियों को शनिवार16 मार्च 2024 को भारतीय नागरिकता प्रदान की है। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत 31 दिसंबर, 2014 तक आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना अब शुरू कर दिया है। CAA को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था और इसे 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी और आज इसका नोटिफिकेशन जारी कर इसे देशभर में लागू कर दिया गया है।
अहमदाबाद में रह रहे पाकिस्तान के 18 हिंदू शरणार्थियों को शनिवार को एक शिविर में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। इस शिविर में राज्यमंत्री हर्ष सांघवी भी शामिल हुए। इसके साथ ही गुजरात में रह रहे पाकिस्तान के कुल 1,167 शरणार्थी हिंदुओं को अब तक अहमदाबाद जिला कलेक्टरेट द्वारा नागरिकता प्रदान की जा चुकी है।
CAA का मतलब नागरिकता संशोधन कानून है। इससे 11 दिसंबर, 2019 में पास किया गया था। यह कानून तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जिन्होंने लंबे समय से भारत में बसे हुए है। इस कानून में भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से खतरा नहीं है।
दिल्ली में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों के मुखिया माने जाने वाले धर्मवीर सोलंकी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि, “मैं और मेरा परिवार एक दशक से अधिक समय से इसका इंतजार कर रहे थे। हम बेहद खुश हैं कि, आखिरकार हमें भारतीय नागरिक कहा जाएगा। मुझे खुशी है कि,मैंने 2013 में अपने वतन लौटने का फैसला किया था।”
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा है कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित हिंदू शरणार्थियों को आसानी से और जल्दी भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप आज आपको भारतीय नागरिकता मिल गई। आज से आप भारत के नागरिक बन गये है। संघवी ने यह भी आश्वासन दिया कि, एक भारतीय नागरिक के रूप में आपको सभी अधिकार मिलेंगे और सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।