ताइवान में आज सुबह 7.5 की तीव्रता का भूकंप आया है। मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया है। माना जा रहा है कि, यह 25 वर्षों में अभी तक का सबसे बडा़ भूकंप रहा है। इससे कई इमारतें जमींदोज हो गई और लैंड स्लाइड भी हुई है। ताइवान के फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक,अभी तक 9 लोगों की मौत और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें मरने वालों के आंकड़े बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
भूकंप के झटकों से शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई है। साथ ही दक्षिणी जापान और फिलीपींस के द्वीपों के लिए सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। ताइवान में करीब 5 हजार से अधिक भारतीय रहते हैं। जिनकी मदद के लिए भारत ने इंडिया ताइपे एसोसिएशन ने इमरजेंसी नंबर और ई-मेल आईडी जारी की है।
ताइवान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं क्योंकि यह द्वीप दो टेक्टोनिक प्लेटों के बिच मौजूद है। यह ताइवान में 25 साल से आने वाला अब तक का सबसे तेज भूकंप है। इसके पहले 1999 में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप का असर केवल ताइवान या जापान में ही नहीं हुआ बल्कि चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। चीन के शंघाई, फ़ूज़ौ, जियामेन, क्वानजोउ, निंगडे शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए है और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 मापी गई हैं।
ताइवान की नेशनल फायर एजेंसी के मुताबिक, भूकंप के बाद कई लोगों के फसे होने की खबर मिली है। इनमें से 77 लोग टनल में फसे हैं। जगह-जगह टनल के हिस्से टूटने की वजह से रास्ते बंद हो गए हैं। 70 से अधिक श्रमिक कोयला खदान में फसे हैं। इसके अलावा करीब 50 लोग 4 मिनीबस में फसे हुए हैं। ये बसें यात्रियों को लेकर हुलिएन शहर से तरोको नेशनल पार्क जा रही थी। 26 से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है और इमारत के मलबे में भी कई लोग दबे हैं। इन सभी लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।