लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है। कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद गौरव वल्लभ भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पहुंचे और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
अपने इस्तीफे में उन्होंने सोशल मीडिया साईट एक्स पर एक पोस्ट लिखकर अपना इस्तीफा दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में पार्टी छोड़ने की वजहें भी बताई है। उन्होंने लिखा है कि, वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और ना ही सुबह-शाम देश के ‘वेल्थ क्रिएटर्स’ को गाली दे सकते हैं। यही वजह है कि, उन्होंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से भी इस्तीफा दे दिया है।
वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी। गौरव के इस्तीफे पर कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा-सच्चा “सनातनी” कांग्रेस में नहीं रह सकता ।
गौरव वल्लभ ने ‘एक्स’ पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम दो पेज का इस्तीफा लिख कर पोस्ट किया है। वल्लभ ने कहा, जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की तब मेरा मानना था कि, कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। यहां युवाओं के विचारों को महत्व दिया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मैंने देखा है कि पार्टी नए विचारों वाले युवाओं को अपना नहीं पा रही है। गौरव ने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नये भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है। जिसके कारण न तो पार्टी सत्ता में आ पा रही और ना ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है।
गौरव वल्लभ ने पत्र में लिखा
अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं और मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं, और पार्टी का उसपर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है। आर्थिक मामलों पर वर्तमान समय में कांग्रेस का स्टैंड हमेशा देश के वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने का, उन्हें गाली देने का रहा है। इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है।
गौरव वल्लभ के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो 2019 में उन्होंने पहली बार झारखंड के जमशेदपुर ईस्ट से चुनाव लड़ा था। वल्लभ को 18 हजार से अधिक वोट मिले और वह तत्कालीन सीएम रघुबर दास और सरयू रॉय के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे। इसके बाद 2023 में उन्होंने राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उदयपुर से चुनाव लड़ा था। लेकिन गौरव वल्लभ यहां बीजेपी के ताराचंद जैन से 32 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे ।