केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बच्चों की तस्करी के सिलसिले में 5 अप्रैल को दिल्ली और हरियाणा में 7 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान CBI ने 24 घंटे की छापेमारी के दौरान दिल्ली के केशवपुरम इलाके में स्थित एक घर से 8 बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया है। इनमें दो लड़के हैं, जिनमें से एक डेढ़ दिन और दूसरा 15 दिन का है। एक बच्ची करीब महीने भर की है। इन नवजात बच्चों को 4 से 5 लाख रुपये में बेचा जा रहा था। CBI ने एक अस्पताल के वार्ड बॉय समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 5 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस गैंग में शामिल सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिसमें बच्चे बेचने वाली महिला और खुद खरीदार दोनों शामिल हैं।
बच्चों की तस्करी करने वाले इस गैंग के लोग अस्पताल से नवजात बच्चों की चोरी करते थे। जिस चोरी में असपताल के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली और देश के कुछ बड़े अस्पताल और आईवीएफ सेंटर CBI की नजरों में थे। जिसके बाद यह पूरी कहानी द्वारका नगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से शुरु हुई। जहां पता चला कि, इस अस्पताल के वार्ड बॉय समेत कुछ महिला और पुरुष नवजात बच्चों को गोद दिलवाने का काम करते हैं।
CBI अधिकारियों ने बताया कि, अब तक की जांच से पता चला है कि , यह सभी आरोपी विज्ञापन के माध्यम से, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत भर के निःसंतान माता -पिता से जुड़ते थे। जिन्हें बच्चा गोद चाहिए था। यह सभी कथित तौर पर सगे माता-पिता के साथ-साथ सरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदते थे और उसके बाद नवजात बच्चों को 4 से 6 लाख की कीमत पर बेचते थे। आरोपी कथित तौर पर गोद लेने से संबंधित सभी फर्जी दस्तावेज बनाकर कई निःसंतान माता- पिता से लाखों रुपये की ठगी भी कर चुके हैं।
इससे पहले भी 2023 में दैनिक भास्कर ने अपने स्टिंग ऑपरेशन के तहत बच्चा चुराकर बेचने वाली इंटरनेशनल गैंग को एक्सपोज किया था। इस गैंग का नेटवर्क नेपाल से लेकर दिल्ली, राजस्थान, यूपी, बंगाल, झारखंड जैसे बड़े _बड़े शहरों तक फैला था। यह गैंग डेढ़ से दो लाख रुपए में लड़की और 6 लाख में नवजात लड़का बेचा करती थी।
CBI पिछले कुछ दिनों से बच्चों की खरीद-फरोख्त के संदिग्ध मामलों की जांच कर रही थी। जिस जांच के दौरान CBI को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है और जो छापेमारी और गिरफ्तारियां हुई है,वह उसी जांच का हिस्सा है।