मणिपुर में वोटिंग खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही CRPF बटालियन पर कुकी उग्रवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो जवान शहीद हो गए और कई जवान घायल भी हुए हैं। ये जवान बिष्णुपुर जिले के नारनसेना इलाके में तैनात CRPF की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस ने इस हमले की जानकारी दी और बताया कि ये हमला आधी रात को हुआ है।
बताया जा रहा है इस धमाके की चपेट में आकर चार जवान घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से दो की मौत हो गई। अन्य घायल जवानों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
12 बजे रात शुरू हुई गोलीबारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार उग्रवादियों ने पोस्ट को निशाना बनाकर पहाड़ी की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी की है। बताया जा रहा है कि, ये गोलीबारी रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुई और देर रात लगभग सवा दो बजे तक जारी रही। आतंकवादियों ने इस दौरान बम भी फेंके, जिनमें से एक बम CRPF की 128 बटालियन की चौकी में फट गया। अधिकारी के अनुसार CRPF जवानों को IRBN शिविर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 से शुरू हुई
सबसे पहली बार मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 के दिन से शुरू हुई थी। जब “आदिवासी एकजुटता मार्च” निकाला गया था। यह मार्च कुकी समाज के “मणिपुर के सभी जनजातीय छात्र संघ” ने निकाला था। यह मार्च “SC” वर्ग में शामिल करने के लिए मैतेई समुदाय द्वारा लगातार हो रही मांग के विरोध में किया गया था। दरअसल, मैतेई समुदाय के लोग इंफाल और विष्णुपुर जैसी घाटी में रहते है। जनसंख्या ज्यादा होने के वाबजूद मैतेई समुदाय के पास रहने के लिए जमीन बहुत कम है। ऐसे में वह लोग SC वर्ग में शामिल होने की मांग कर रहे थे।
मणिपुर में अधिकतम हिंसा के मामले औरतों के खिलाफ ही आते है। पिछले एक साल में महिलाओं के खिलाफ 11 मामले सामने आए हैं और इन में से 7 ऐसे मामले है जिनके आरोपी अभी तक पकड़े तक नहीं गए हैं। इन में से 5 मामले बलात्कार, 4 हत्या और 2 हमले के शामिल हैं।