वैश्विक मंदी का असर प्लेसमेंट पर भी नजर आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो बिजनेस कॉलेज में प्लेसमेंट और प्लेसमेंट पर मिलने वाला वेतन कम हो गया है। कहा जाता है कि, IIT में प्रवेश मिल गया यानि भविष्य सुरक्षित, सौ फीसदी नौकरी की गारंटी वह भी लाखों-करोड़ों के पैकेज पर, लेकिन अब यह गारंटी खत्म होती जा रही है। इस साल 50 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है। कई छात्र प्राइवेट जॉब के बजाय UPSC, PSC जैसी परीक्षाओं में लगे हैं और वहीं AI के कारण भी नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है, कंपनियां हायर करने से बच रही है।
इंदौर IIT की रैंकिंग गिरी
तीन साल से इंदौर IIT की QS World Ranking घट रही है। पिछले साल 454 के मुकाबले इस साल 477 वीं रैंक मिली है। यह देश का इकलौता कॉलेज है, जिसकी रैंकिंग पिछले साल से घटी है। तीन दिन पहले जारी QS World Universities Ranking 2024-25 में दुनिया की 1500 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज को रैंकिंग दी गई है। इसमें देश में सबसे पहला स्थान मिला है IIT बॉम्बे को, जिसकी रैंक 118 वीं है। इसके बाद IIT दिल्ली 150 वें स्थान पर है। इस साल IIT इंदौर का ओवरऑल स्कोर 100 में से मात्र 25.1 ही मिला हैं।
452 छात्रों में से 254 को प्लेसमेंट मिला
रैंकिंग घटने का सबसे बड़ा कारण है IIT इंदौर के प्लेसमेंट में कमी आना। एक RTI के जवाब में IIT इंदौर ने बताया कि 14 अप्रैल 2024 तक प्लेसमेंट के लिए आए 452 छात्रों में से सिर्फ 254 को नौकरी मिल सकी है। प्लेसमेंट की प्रक्रिया अभी भी चल रही है। कुछ छात्र प्लेसमेंट प्रक्रिया के लिए पंजीयन कराते हैं, लेकिन इंटरव्यू आदि में शामिल नहीं होते। 359 छात्र इनमें शामिल हुए, जिसमें से 275 यानी लगभग 77% छात्रों को नौकरी मिल चुकी है।
रैंकिंग के लिए जिन पैरामीटर्स पर सर्वे किया जाता है, उसमें सस्टेनेबिलिटी कॉलेज की छवि से लेकर विदेशी छात्रों तक के सर्वे शामिल हैं। इनमें IIT इंदौर को सर्वाधिक 95.6 अंक फैकल्टी साइटेशन के लिए मिले। सबसे कम अंक अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी की संख्या में मिले हैं।
सभी IIT में प्लेसमेंट का हाल खराब
IIT बॉम्बे के पवई कैंपस में B.Tech, पोस्ट-ग्रैजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम के करीब 33% छात्रों का प्लेसमेंट होना बाकी है। प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर्ड 2400 छात्रों में से 1970 टेस्ट और इंटरव्यू के लिए उपस्थित हुए। जिनमें से करीब 1300 छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है।