रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में रुस अपनी सेना में भारतीयों को भी शामिल कर रहा है। वहीं कल रूस की सेना में भर्ती हुए दो भारतीयों की युद्ध के दौरान मौत हो गई है। इसकी पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि, सरकार ने रूस के साथ इस मुद्दे को उठाया है। रूसी सेना में आगे और होने वाली भारतीयों की भर्ती पर तुरंत रोक लगाने की और रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी की मांग की है। क्योंकि इससे पहले भी रूस- यूक्रेन युद्ध में भारतीय नागरिक की मौत हो चुकी है।
इन देशों के लोग शामिल है रूस की सेना में
यूक्रेन के साथ जंग में रूस को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में रूस कई स्तरों पर विदेशी सैनिकों की भर्ती कर रहा है। रूस की सेना में भारत, नेपाल के अलावा अफ्रीकी देशों और पूर्वी एशियाई देशों के लोग भी शामिल किए गए हैं।
इससे पहले भी नौकरी की धोखाधड़ी का शिकार हो चुके है
इसके पहले भी भारतीयों को आकर्षक नौकरियों के नाम पर लालच देकर रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भेजा गया था। इसके बाद जांच एजेंसी ने युवा भारतीयों को विदेश भेजने में शामिल मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। यह जांच हैदराबाद के एक 30 वर्षीय व्यक्ति की रूस-यूक्रेन जंग के दौरान हुई मौत के एक दिन बाद हुई थी। जो नौकरी की धोखाधड़ी का शिकार हो गया था। जिसके बाद CBI ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़े 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। यह आरोपी भारतीय युवाओं को आकर्षक नौकरियों की आड़ में धोखा और युक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए रूसी सेना में शामिल कराते थे। इन आरोपियों की पहचान केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले अरुण और येसुदास जूनियर के रूप में हुई थीं।
सभी भारतीयों की वापसी का उठाया मुद्दा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, हम मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। मॉस्को में हमारे दूतावास ने रक्षा मंत्रालय सहित रुस के अधिकारियों पर मृतकों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए दबाव डाला है। इसके आगे मंत्रालय ने यह भी कहा कि, केंद्र और भारतीय दूतावास ने रुस की सेना में भर्ती किए गए सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए भी कहा हैं।