ब्रिटेन में संसदीय चुनाव के लिए चल रही वोटिंग के बाद एग्जिट पोल सामने आ गया है। एग्जिट पोल के नतीजों में लेबर पार्टी 650 सीटों वाली संसद 400 पार होते दिखाई दे रही हैं। ब्रिटेन की सत्ता पर 14 साल से काबिज कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व समाप्त होने वाला है। इसके मुताबिक, कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उनकी लेबर पार्टी संसदीय चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल कर रही हैं। जबकि ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को भारी नुकसान हो रहा है। इसी के चलते ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया है।
स्टार्मर की पार्टी 400 के पार
चुनाव बाद आए एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि, लेबर पार्टी 400 से अधिक सीटें जीती है, जो टोनी ब्लेयर की 1997 की भारी जीत के बाद सबसे ज्यादा है। लेकिन पिछले 6 यूके के चुनावों में केवल एक एग्जिट पोल के नतीजे गलत निकले थे। इस साल के चुनाव में दिखाए गए पोल के अनुसार सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी 131 सीटों तक रह जाने का अनुमान है, जो उनके अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन को दर्शाता है। जिसके साथ ही कंजर्वेटिव पार्टी के कई बड़े नेता इस चुनाव में हार सकते हैं।
कंजर्वेटिव पार्टी 14 वर्षों से सत्ता में बनी लगातार बनी हुई थी
बता दें कि, कंजर्वेटिव पार्टी पिछले 14 वर्षों से सत्ता में बनी हुईं थी। इस दौरान यूनाइटेड किंगडम 14 वर्षों से लगातार 5 अलग- अलग प्रधानमंत्री देख चुके हैं। आपको बता दे कि, साल 2010 में हुए आम चुनावों में कंजर्वेटिव्स को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन पीएम बने थे। उसके बाद 2015 के यूके इलेक्शन में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और फिर कैमरन पीएम बने। लेकिन 2016 में उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा था। जिसके बाद उनकी जगह कंजर्वेटिव्स ने टेरेसा को प्रधानमंत्री बनाया था, वह 2019 तक इस पद पर रहीं थी। उनके बाद 2019 में बोरिस जॉनसन यूके के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और फिर लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं। लेकिन वह सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं। उसके बाद उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने और 2024 तक उन्होंने अच्छे से इस पद को संभाला।
यूके मतलब – इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड
बता दे कि, यूनाइटेड किंगडम- इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड से मिलकर बनता है और आम चुनाव इन सभी देशों पर लागू होते हैं। देखा जाए तो यूके में कुल 650 सीटें है, इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटें वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड की हैं। इन्हीं सभी सीटों के आधार पर यूके में चुनाव होते है।
पहली ही सीट पर हार
शुरुआती रुझानों के मुताबिक ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की गिनती शुरू होते ही पहली ही सीट पर हार गई थी। सबसे पहले इंग्लैंड स्विंडन साउथ सीट के नतीजे सामने आए थे। जिसमें सुनक सरकार के कानून मंत्री रॉबर्ट बकलैंड को लेबर पार्टी की हेदी अलेक्जेंडर ने मात दी थी। 2019 में हुए चुनाव की तुलना में रॉबर्ट बकलैंड के वोट शेयर में 25% की गिरावट दर्ज की गई थीं। उसके बाद लेबर पार्टी की हेदी अलेक्जेंडर ने 2018 में इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अब इस जीत के साथ वो सत्ता में वापस लौट आई है। हालांकि, देश में 2019 में हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी 365 सीटों पर जीती थी वहीं लेबर पार्टी ने 202 सीट हासिल की थी।
आखिर किस वजह से हुई ऋषि सुनक की हार
ऋषि सुनक की हार की वजह की बात करे तो ऐसा कहा जा रहा हैं कि, सुनक की लोकप्रियता का ग्राफ गिरने की वजह गैरकानूनी घुसपैठ को रोकने में नाकामयाब होना, कोरोना महामारी के दौरान कमजोर हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती न दे पाना और इमिग्रेशन के मुद्दे पर लेबर पार्टी की नीतियों की काट न ढूंढ पाना आदि शामिल है।
ऋषि सुनक की हार के बाद अब यह बड़ा सवाल है कि, जब ऋषि सुनक के भारतीय मूल के होने पर प्रवासी भारतीयों को उन पर गर्व था तो,जब वोट देने की बारी आई तो, उन भारतीयों ने उन्हें वोट क्यों नहीं दिया? क्या ऋषि सुनक एक अच्छे प्रधानमंत्री नहीं बन पाए ?