दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच राज्यों में फैले एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले पर दिल्ली पुलिस DCP ने बताया कि, कुछ समय पहले ही क्राइम ब्रांच ने बांग्लादेश से चल रहे एक किडनी रैकेट का भांडा फोड़ किया था।
किडनी रैकेट गिरोह के लोगों ने दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और गुजरात के 11 अस्पतालों में 34 से ज्यादा किडनी अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट करवाईं। क्राइम ब्रांच के DCP अमित गोयल ने बताया कि, एक महिला शिकायतकर्ता ने 26 जून को संदीप आर्य और विजय कुमार कश्यप उर्फ सुमित के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराई थी कि, उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट के बहाने उसके पति से 35 लाख की धोखाधड़ी की है।
15 दिन में 22 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने गिरोह से जुड़े पांच और सदस्यों पुनीत कुमार, मोहम्मद हनीफ शेख, चीका प्रशांत, तेज प्रकाश और रोहित खन्ना उर्फ नरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले पांच मरीजों और दो डोनर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने एक अन्य रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस तरह से 15 दिन में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट मामले में 22 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
प्रत्येक किडनी के लेता था 35-40 लाख रुपए
नोएडा का संदीप आर्य इस गिरोह का मास्टर माइंड है। वह पब्लिक हेल्थ में एमबीए है। उसने फरीदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम, इंदौर और वडोदरा के कई अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया है। वह मरीजों से संपर्क करता था और किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करता था। वह प्रत्येक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 35-40 लाख रुपए लेता था। उसे प्रत्येक किडनी ट्रांसप्लांट पर उसके पास 7 से 8 लाख रुपए की बचत होती थी। वहीं अन्य आरोपियों का भी अलग-अलग काम था।
पुलिस ने कई दस्तावेज और उपकरण बरामद किए
पुलिस ने गिरोह से राज्यों के अधिकारियों के 34 स्टाम्प, किडनी रिसीवरों और दाताओं की 6 फर्जी फाइलें, लैब व अस्पतालों के खाली दस्तावेज, 2 लैपटॉप, किडनी ट्रांसप्लांट का डेटा और 17 मोबाइल फोन, 9 सिम कार्ड और डेढ़ लाख कैश बरामद किया गया है। वहीं आरोपी संदीप आर्य की मर्सिडीज कार भी बरामद की गई है।