इंदौर नगर निगम की बकाया जल कर राशि भरने के लिए आई नई ‘वन टाइम सेटलमेंट’ स्कीम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बकाया राशि भरने पर 50% की छूट दी जा रही है। इस मामले में लीगल नोटिस भेजा गया है। जिसमें जिम्मेदारों से पूछा गया है कि, ये छूट किस नियम के तहत दी गई है। इस स्कीम को तत्काल बंद करने की मांग की है, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कितना बकाया है निगम में जल कर
जानकारी के अनुसार शहर में 1 लाख 88 हजार कनेक्शन का कुल करीब 500 करोड़ रुपए जल कर का बकाया है। ये अमाउंट वित्तीय वर्ष 2022-23 तक का है। इसकी वसूली के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव एक स्कीम लेकर आए है। जिसके तहत बकाया जल कर राशि भरने पर 50% की छूट मिलेगी। यानी किसी का यदि 1 लाख रुपए बकाया है तो उसे सिर्फ 50 हज़ार ही भरने पड़ेंगे। आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे नगर निगम को इस स्कीम से उम्मीद है कि बड़ा राजस्व आ सकेगा।
क्या है ‘वन टाइम सेटलमेंट’ स्कीम
महापौर ने यह स्कीम वित्तीय साल 2022-23 तक की बकाया जल कर राशि भरने पर 50 फीसदी में छूट लागू की है। यह स्कीम 5 से 25 अगस्त तक लागू की गई है। महापौर भार्गव ने कहा है कि, इसके बाद फिर बकायादारों पर सख्त कार्रवाई में FIR तक कराई जाएगी और यह अंतिम मौका है, जिसमें जल कर भरने का मौका दिया जा रहा है।
किसने भेजा नोटिस और क्यों
यह नोटिस करदाता अमित उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता प्रत्युष मिश्रा ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, महापौर भार्गव और निगमायुक्त वर्मा को भेजा है। इन्होंने नोटिस में कहा है कि, जिम्मेदार लोग लगातार नियमित अपना टैक्स भरते है, लेकिन इस तरह की स्कीम उनके साथ धोखाधड़ी है, ये स्कीम यह संदेश देती है कि आप नियमित टैक्स मत भरिए, इस तरह कोई योजना आएगी और आपका टैक्स माफ कर दिया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन में कोई नियम नहीं है कि टैक्स माफ किया जाए। यह अवैधानिक कृत्य है, इसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
नगर पालिक एक्ट के नियम 187 के तहत बकाया राशि को बट्टा खाते में डालने का प्रावधान है, जो परिषद की मंजूरी से हो सकता है। इस मामले में निगम ने मध्यप्रदेश शासन से पहले ही मार्गदर्शन ले लिया था। इसमें भी यही कहा गया कि, निगम अपने स्तर पर परिषद में प्रस्ताव लाकर यह कर सकती है और बकाया राशि को बट्टे खाते में डाल सकती है। इसके बाद परिषद में प्रस्ताव लाकर इस स्कीम को लागू किया गया है।