दो वक्त की रोटी और अपने परिवार को एक अच्छी जिंदगी देने के लिए आम इंसान कभी मेहनत से पीछे नहीं हटता है और एक-एक रूपए जोड़कर अपने बच्चों को अच्छा भविष्य देने की कोशिश करता है। लेकिन कई बार चोरों की काली नजर उन आम इंसानों के सपनों की तिजोरी पर पड़ जाती है और वो उस परिवार के चमकते भविष्य के सपने को तहस नहस कर देते हैं।
आज के समय में चोरी से ज्यादा लोग साइबर ठगी के शिकार रहो रहे है। ताज़ा मामला तेलंगाना से सामने आया है। यहां शमशाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले 13 ठगों को शमशाबाद, मदापुर और नरसिंगी पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से 1.72 लाख रूपए कैश और 50 लाख रूपए के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी जब्त किए है। यह गिरोह कई हाई-टेक UPI फ्रॉड और धोखाधड़ी में शामिल थे। इतना ही नहीं गिरोह ने हाल ही में मेसर्स बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगभग 4 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।
सामान खरीदकर पैसे करवाए रिटर्न
इस गिरोह ने तेलंगाना में बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स के सभी शोरूम को निशाना बनाया है। इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने के लिए फर्जी UPI ट्रांजेक्शन किए। इसके बाद ‘चार्जबैक’ ऑप्शन का फायदा उठाकर बैंकों से पैसे वापस करा लिए। पिछले दो से तीन महीनों में बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स में कुल 1 हज़ार 127 ट्रांजेक्शन किए गए, जिससे इनके खातों में 1.56 करोड़ वापस आ गए। इस प्रक्रिया से गिरोह ने बड़े पैमाने पर ठगी की और खरीदे गए सामान को बेचकर अतिरिक्त लाभ उठाया। इन गिरोह के खिलाफ साइबराबाद, हैदराबाद और राचकोंडा कमिश्नरेट के साथ-साथ तेलंगाना के अन्य शहरों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी और ठगी के कई मामले दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर मामले बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े हैं।
सभी ठगों की उम्र 25 साल से कम
गिरोह में राजस्थान के 20-25 साल की उम्र के 13 सदस्य शामिल हैं। यह सब एक गैंग बना कर काम करते थे। गैंग के कुछ लोग हैदराबाद में रह रहे थे, जबकि उनके सहयोगी राजस्थान से पूरे गैंग को चलाते थे। ठगी करके खरीदे गए सामान को बेच कर उससे भी पैसा कमाते थे।
साइबर ठगी के मामलों ने पकड़ी रफ्तार
देखा जाए तो, देश में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामलों में हर साल तेजी आ रही है। देश में बीते इन 5 सालो के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में साइबर क्राइम के 26 हज़ार 49 मामले आए थे। जिसके बाद 2020 में आंकड़ा लाखों में पहुंच गया। साल 2020 में यह मामले बढ़कर 2 लाख 57 हज़ार 777 पर पहुंच गया था। उसके बाद 2021 में 4 लाख 52 हज़ार 414 पर और 2022 में 9 लाख 66 हजार 790 पर पहुंचा था वही साल 2023 में साइबर ठगी के मामले 15 लाख 56 हजार 218 पहुंच गए थे।
2024 में ठगों ने 1700 करोड़ से अधिक का चूना लगाया
हालांकि अभी साल 2024 पुरा भी नहीं हुआ और महज शुरुआती 4 महीनो में देश में 7 लाख से अधिक लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। “इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर” के हवाले से बताया गया है कि, सिर्फ इस साल के पहले 4 महीनों में ही भारतीयों को साइबर फ्रॉड के चलते हजारों करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। पहले के 4 महीनों में भारतीयों को 1,750 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिसके लिए 7 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने फ्रॉड की शिकायत दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक में हर रोज 7 हजार शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं। जिसमें से 85 फीसदी शिकायतें ऑनलाइन फ्रॉड की हैं।
देखा जाए तो साइबर ठगी के मामलों में आई तेजी के दो ही कारण हैं कि, पहला मामला साइबर ठग हर रोज एक नए तरीके से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दूसरा कारण यह है कि, अभी भी देश में काफी लोग हैं जो साइबर ठगी से अंजान है और साइबर ठगी से बचने के तौर तरीकों को लेकर लापरवाही दिखाते हैं।