26 नवंबर को National Investigation Agency ने पाकिस्तान समर्थी गजवा-ए-हिंद आतंकी मॉड्यूल के चलते मामले के संबंध में देवास में छापेमारी की थी। इसके साथ ही NIA ने गुजरात के गिर सोमनाथ, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और केरल के कोझिकोड में भी इसी मामले से संबंधित छापेमारी की थी।
NIA के प्रवक्ता का कहना था कि, छापेमारी आरोपियों के रहवास में हुई थी, जिनका पाकिस्तान स्थित हैंडलर से संपर्क था और जो मौलिक और भारत विरोधी विचारधारा ‘गजवा-ए-हिंद’ में मिले हुए थे। साथ ही में प्रवक्ता ने बताया की छापेमारी के दौरान अपराध संकेती दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं।
क्या है गजवा-ए-हिंद आतंकी मॉड्यूल
गजवा-ए-हिंद आतंकी मॉड्यूल एक पाकिस्तान स्थित आतंकी गठन है, जिसका मकसद भारत में इस्लामिक राज स्थापित करना है। बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच 2019 से ‘गजवा-ए-हिंद’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन मरघूब अहमद दानिश की गिरफ्तारी के बाद शुरू की थी। जिसके बाद 2022 में NIA ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया था। NIA ने ग्रुप के कुछ सदस्यों की जायदाद भी जब्त कर ली हैं। NIA ने बताया कि, मरघूब के व्हाट्सएप ग्रुप में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन जैसे देशों के लोग भी शामिल थे। इसके अलावा मरघूब ने टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर में भी इसी तरह के भारत विरोधी ग्रुप बनाए रखे थे।
इस मामले की जांच अभी भी चल रही है। भारत सरकार ने NIA के इस कदम की यह कहते हुए प्रशंसा की है कि, देश में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए इसकी बहुत जरूरत हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग NIA की यह बोल के निंदा कर रहे है कि, NIA अपनी ताकत का इस्तेमाल करके संदिग्ध के अधिकार का हनन कर रहीं हैं।