अबू धाबी में पहला BAPS हिंदू मंदिर का निर्माण हो गया है। मध्य पूर्व में यह पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर जो भारत के राजस्थान से भेजे गए पत्थरों से बना है। इसका उद्घाटन भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।
क्या है BAPS हिंदू मंदिर?
BAPS का पूरा नाम ‘ बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था’ है। इसे स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भगवान स्वामीनारायण जी की पूजा की जाती है। करीबन 200 साल पहले गुजरात के बोचासन में भगवान स्वामीनारायण ने इसकी स्थापना की थी। फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा BAPS मंदिर न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में स्थित है।
मंदिर का उद्घाटन
अबू धाबी में इस मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी, 2024 को किया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन होगा। इस मंदिर का उद्घाटन कई कारणों की वजह से एक महत्वपूर्ण घटना है। यह UAE में बढ़ते हिंदू समुदाय के प्रति UAE के प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मंदिर को विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच शांति और समझ के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। उद्घाटन में भारत और UAE के साथ-साथ अन्य देशों के प्रतिष्ठित लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
मंदिर की खूबियां
इस मंदिर को हिंदू मंदिर वास्तुकला की पारंपरिक शिखर शैली में डिजाइन किया गया है, जिसमें हिंदू देवताओं और कहानियों को दर्शाती हुई चित्र और मूर्तियां हैं। यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मुरीखा में 27 एकड़ की जगह पर स्थित है। इस की ऊंचाई 108 फीट, लंबाई 262 फीट और चौड़ाई 180 फीट है। इसमें सात शिखर हैं, जो UAE के सात अमीरातों का प्रतीक हैं। यह मंदिर हाथ से नक्काशी किए गए भारतीय बलुआ पत्थर और संगमरमर के 25,000 से अधिक टुकड़ों से बना है। मंदिर परिसर में एक सामुदायिक केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, उद्यान, एक अस्पताल और शैक्षिक सुविधाएं भी शामिल हैं।
यह ऐतिहासिक घटना UAE में हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारतीय परंपरा और रीति रिवाजों जिस तरह दुनियाभर में फैलती जा रही है, वह किसी बड़ी उपलप्धि से कम नहीं है।