जरा सोचिए, आप एक हफ्ते की यात्रा पर निकले हों और महीनों तक वापस न लौट पाएं! यही हाल है नासा के दो अनुभवी अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर का, जो इस समय स्पेस में हैं।
नासा का स्पेस मिशन, अब ‘मिशन मार्स’ जितना लंबा लगने लगा है। कहने को तो इंसानों ने स्पेस साइंस में बड़े माइलस्टोन गाड़ दिए हैं, हम लाइट की स्पीड को टच करने की बात करते हैं लेकिन स्पेस साइंस में एक चींटी बराबर की गलती भी बहुत बड़ी परेशानी बन सकती है। यही हाल है नासा के दो दिग्गज अंतरिक्ष यात्रियों, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर का, जो जून 2024 से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं।
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर से जुड़ी एक और अपडेट आई है, लेकिन इस बार भी निराश से भरी हुई। ये टीम इस साल के जून 2024 से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं, उनकी वापसी में यह देरी बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी समस्याओं और स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की तैयारी में देरी के कारण हो रही है।
विलियम्स और विलमोर ने जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) मिशन के तहत ISS की यात्रा की थी। यह मिशन केवल आठ दिनों का होना था, लेकिन कैप्सूल के थ्रस्टर में खराबी और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी टलती गई। सितंबर 2024 में, नासा ने निर्णय लिया कि स्टारलाइनर के माध्यम से उनकी वापसी सुरक्षित नहीं होगी, और उन्हें स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से वापस लाने की योजना बनाई गई।
स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन, जो विलियम्स और विलमोर को वापस लाने के लिए निर्धारित था, अब मार्च 2025 से पहले लॉन्च नहीं होगा। यह देरी नए ड्रैगन कैप्सूल की तैयारी और परीक्षण में अधिक समय लगने के कारण हो रही है। नासा ने बताया कि यह निर्णय मिशन की सुरक्षा और 2025 के अंतरिक्ष स्टेशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
आमतौर पर, ISS पर मिशन छह महीने से एक वर्ष तक के होते हैं। विलियम्स और विलमोर की अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हुई उपस्थिति उन्हें संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना सकती है, क्यूंकि अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताना आसान नहीं होता। हड्डियों में कमजोरी, हृदय पर असर, और माइक्रोग्रेविटी का लगातार सामना करना शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन सुनीता और बुच इस कठिनाई को भी हंसी-खुशी झेल रहे हैं। दोनों रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं और अपने परिवारों से वीडियो कॉल पर भी जुड़े रहते हैं।
यह घटना सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि अंतरिक्ष यात्रा कितनी चुनौतीपूर्ण है। नासा और स्पेसएक्स जैसे संगठन हर कदम पर सुरक्षा और मिशन की सफलता को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नासा के अलावा हम सब को भी उनका इंतजार है…जब मार्च 2025 में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पृथ्वी पर वापस आएंगे, यह सिर्फ उनकी घर वापसी नहीं होगी। यह एक ऐसा पल होगा, जो दिखाएगा कि इंसान का सब्र और वैज्ञानिक प्रयास किस हद तक जा सकते हैं।