अमित शाह द्वारा बी.आर अंबेडकर जी पर की गई टिप्पणी की आग अभी तक शांत नहीं हुई है। चंडीगढ़ नगर निगम की सभा में आज फिर अंबेडकर विवाद को लेकर कांग्रेस और भाजपाई पार्षदों के बीच हाथापाई हो गई। सभा में हुई हाथापाई का वीडियो वायरल हो रहा है। पार्षदों के बीच यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मनोनीत पार्षद अनिल मसीह ने कांग्रेस पर हमला करते कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी अभी भी जमानत पर हैं।
इसी के चलते कांग्रेस, आप और भाजपा के सदस्यों के बीच बहस छिड़ गई। कांग्रेस और आप ने भी भाजपा पर पलट वार करते हुए अंबेडकर विवाद पर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने भी जवाब देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नेहरू जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान अंबेडकर जी का बहुत अपमान हुए था।
एक दूसरे पर आरोपों की बारिश करते समय, कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने सभा में एक सोशल मीडिया पोस्ट पेश किया। उस पोस्ट में उन्होंने भाजपा के अनिल मसीह के खिलाफ आरोपों को उजागर किया गया, जिन्होंने इस साल के मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में काम किया था।
इसके बाद भाजपा पार्षद कुलदीप सिंह संधू और कांग्रेस गुरप्रीत सिंह गाबी के बीच नोकझोंक हुई, जिसमें कुलदीप ने गाबी के हाथ में पकड़े पोस्टर को फाड़ दिया। जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ और काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। यह सब देख मेयर कुलदीप कुमार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बैठक को 10 मिनट तक स्थगित कर दी।
रायपुर में प्रदर्शन के लिए कांग्रेस सदस्यों की हुई हिरासत
वहीं दूसरी तरह, रायपुर में कांग्रेस के कई सदस्यों को हिरासत में लिया गया। दरअसल, वह सभी अंबेडकर जी पर अमित शाह की टिप्पणी से नाराज़ थे और अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इसके लिए कांग्रेस सदस्यों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आवास तक पैदल मार्च निकाली थी। जब प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे, तब वहां उन्हें रोकने किए पुलिस की टीम इकट्ठा हो गई थी। पुलिस ने उन्हें रोकने किए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया था पर कुछ समय बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया।
रायपुर के ही तरह कई और राज्यों में भी कांग्रेस और अन्य पार्टियों के सदस्य अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।