म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक अपने संगीत की पारखी समझ और गाने के अतरंगी अंदाज के लिए काफी मशहूर हैं। भारतीय सिनेमा को कई बेहतरीन नगमे उनसे मिले हैं, कई सुपरहिट सॉन्ग्स की लिस्ट में म्यूजिक डायरेक्टर की जगह अनु मलिक का नाम मिलता है। आज हम आपको उन्ही के जीवन का एक अनोखा किस्सा बताने जा रहे हैं।
साल था 1978। ये वो दौर था जब अनु मलिक म्यूजिक डायरेक्टर बनने की कोशिश कर रहे थे। स्ट्रगल करते करते किसी तरह अपॉइंटमेंट भी फिक्स हुआ तो सीधा राज कपूर साहब के साथ। उनसे मुलाकात हुई उनके घर पर, और ताल तंबूरे के साथ अनु मलिक ने उनसे अपने म्यूजिक डायरेक्टर बनने की ख्वाहिश का जिक्र कर डाला। बस फिर क्या था, राज कपूर ने उन्हें लाइव गाना सुनाने की फरमाइश कर दी। थोड़ी हिचकिचाहट हुई, सामने शक्सियात ही कुछ ऐसी बैठी हुई थी। खैर, किसी तरह होश संभालकर गाना शुरू किया। कुछ देर तक तो राज साहब ने बड़ी ध्यान से सुना, फिर खुद ही हारमोनियम लेकर गाना शुरू कर दिया। उनके संगीत की समझ को देखकर अनु मलिक दंग रह गए। जब गाना बंद हुआ, तो अनु मलिक ने राज साहब से पूछा “राज साहब मेरे लिए क्या आदेश है?” राज साहब जवाब में बोले “15 साल लगेंगे तुम्हे म्यूजिक डायरेक्टर बनने में अभी।” और इसी के साथ यह मुलाकात खत्म हुई।
पर किस्सा यहां खत्म नहीं होता। वक्त बीता। 1993 में बाज़ीगर रिलीज हुई। अनु मलिक बतौर म्यूजिक डायरेक्टर लॉन्च हुए। फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट हो गया। वक्त का खेल देखिए। ये ठीक उस मुलाकात के 15 साल बाद का वाकिया है।