यदि हम समाज सुधार और देश की उन्नति को समर्पित संगठनों की बात करेंगे तो आर्य समाज का नाम उस सूची में ज़रूर होगा। आज भारत में आर्य समाज का 150वा स्थापना दिवस मनाया जा रहा हैं। यह समाज अपनी शिक्षाओं और विचारधारा के कारण भारतीय समाज में एक अहम स्थान रखता है। 10 अप्रैल 1875 को स्वामी दयानंद सरस्वती ने मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। यह दिन न केवल आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की श्रद्धांजलि है, बल्कि समाज के उत्थान की दिशा में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी है।
आर्य समाज की स्थापना
स्वामी दयानंद सरस्वती ने उस वक्त भारतीय समाज में फैले हुए अंधविश्वास और कुरीतियों को चुनौती दी। समाज में सत्य, समानता और धर्म के सही अर्थ को फिर से स्थापित करना उनका मकसद था और अपने इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 1875 में मुंबई में स्वामीजी ने आर्य समाज की स्थापना की। स्वामीजी ने वेदों को जीवन के मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि वेद ही सत्य का स्त्रोत हैं और इन्हीं के द्वारा समाज में अच्छाई का प्रचार किया जा सकता हैं।
आर्य समाज की शिक्षाएं
वेदों का पालन
स्वामी दयानंद ने कहा था कि वेदों में जीवन जीने का सही तरीका बताया गया है। हमें वेदों की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए।
समानता और मानवता
आर्य समाज में सभी को समान अधिकार दिया जाता है। जातिवाद और भेदभाव का विरोध किया जाता है। हर इंसान को समान माना जाता है।
महिलाओं को शिक्षा का अधिकार
महिलाओं को भी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है और उन्हें समान सम्मान दिया जाना चाहिए। स्वामी दयानंद ने महिलाओं की शिक्षा को बहुत महत्वपूर्ण माना।
अंधविश्वास का विरोध
आर्य समाज मूर्तिपूजा और अंधविश्वास का विरोध करता है। इसका मानना है कि सच्ची भक्ति ईश्वर के प्रति श्रद्धा और सत्य में होती है, न कि मूर्तियों में।
सदाचार और नैतिक जीवन
आर्य समाज का मानना है कि हमें सदाचारी और नैतिक जीवन जीना चाहिए, जिससे समाज में अच्छाई बढ़े।
आर्य समाज का वैश्विक प्रभाव
आज न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के हर कोने में आर्य समाज और उनके सिद्धांतों को मानने वाले लोग हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में इसके followers की संख्या 80 लाख वहीं पूरी दुनिया में 1 करोड़ तक पहुंच चुकी हैं।
प्रमुख आर्य समाजी
यदि हम कुछ प्रमुख आर्य समाजियों की बात करें तो उसमें लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानंद, श्यामजी कृष्ण वर्मा, भाई परमानंद, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे महापुरुष थे। इन सभी ने आज़ादी के संग्राम में अहम भूमिका निभाई हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में आर्य समाज
आज आर्य समाज DAV College Managing Committee के द्वारा पूरे देश में 900 से schools और 75 colleges चला रहा हैं, जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ साथ स्वामी दयानंद के विचारों को भी छात्रों को सिखाया जाता हैं।