बहुचर्चित बाटला हाउस मुठभेड़ कांड में आज दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के लिए साकेत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने आरिज खान को दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।
मार्च 2021 मे निचली कोर्ट ने सुनाया था फैसला
बाटला हाउस मामले पर मार्च 2021 में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आरिज खान को दोषी करार किया था और मौत की सजा दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने आरिज खान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था जिस में से 10 लाख रुपये मृतक पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के परिवार को तुरंत जारी करने का आदेश दिया गया था। अदालत ने अपने फैसले में आरिज को दोषी ठहराते हुए कहा था कि यह बात साबित हो गई है कि आरिज व उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की थी। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्त महीने में मामले में दिल्ली पुलिस और आरिज के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है बटला हाउस की पूरी कहानी
घटना 2008 की है जब राजधानी दिल्ली में बम धमाकों हुए थे। जिसमे 133 घायल लोग हो गए थे और 26 मारे गए थे। दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था। इसके बाद मामले की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल 19 सितंबर 2008 को जामिया इलाके के बाटला हाउस पहुंची थी। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में टीम जब आतंकवादियों के ठिकाने पर पहुंची तो आतंकवादियों ने पुलिस टीम के ऊपर फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ मे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली लगी और वे शहीद हो गए थे। इस दौरान दो आतंकवादी भी मारे गए। अन्य आतंकवादी आरिज खान उर्फ जुनैद और शहजाद अहमद उर्फ पप्पू फरार हो गए थे, जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया था।