विश्व के सबसे अमीर लोगों में शामिल एलन मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) के द्वारा तकरीबन 21 मिलियन डॉलर्स की फंडिंग को रद्द किया, जिसका मकसद था भारत में वोटर टर्नआउट को प्रभावित करना। बस फिर क्या था! इसे आधार बनाकर भाजपा ने भी तत्कालीन यूपीए पर हमला बोल दिया हैं। भाजपा ने इस फंडिंग को भारत के चुनावों में बाहरी दखलंदाज़ी का सबूत बताया।
खर्चों में कटौती का कदम!
यह निर्णय ट्रंप प्रशासन के ताबड़तोड़ निर्णयों में से एक हैं, जिसका मकसद हैं सरकारी खर्चों को कम करना। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म “X” पर इसकी जानकारी दी। DOGE ने विशेष रूप से भारत के लिए आवंटित इस राशि का उल्लेख किया।
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बातचीत के दौरान निर्णय!
ये कदम भी उसी समय आया जब भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने को लेकर बातचीत हुई थी। एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, ट्रंप से पूछा गया कि क्या इसका 2020 राष्ट्रपति चुनावों और 2024 भारतीय चुनावों में कोई असर हुआ होगा तो ट्रंप इसे एक संभावित विचार माना।
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग में कटौती!
भारत के अलावा बांग्लादेश के लिए 29 मिलियन डॉलर्स के लिए तय वितरण राशि को भी रद्द कर दिया गया हैं। अन्य देशों की बात करें तो माली के लिए 14 मिलियन डॉलर्स, मोज़ेम्बिक के लिए 10 मिलियन डॉलर्स और लाइबेरिया के लिए 1.5 मिलियन डॉलर्स की फंडिंग को भी रद्द कर दिया हैं।
खर्च प्रबंधन पर नज़रिया!
एलन मस्क ने अक्सर कई बार चेताया हैं कि यदि सरकारी खर्चे कम न किए गए तो अमेरिका दिवालिया हो जायेगा। ट्रंप और मस्क दोनों का ही यह मानना हैं कि टैक्सपेयर्स के पैसों का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय खर्चों की बजाय घरेलू मुद्दों पर करना चाहिए। DOGE का यह कदम इस दिशा में एक व्यापक कोशिश दिखाई पड़ता हैं।