अहमदाबाद के Marengo CIMS Hospital के doctors ने एशिया का पहला Bloodless Heart Transplant करने में सफलता प्राप्त की है। और भारत Bloodless Heart Transplant करने वाला एशिया का पहला देश बना है। आपको बता दे की जिस व्यक्ति का Bloodless Heart Transplant किया है उनकी उम्र 52 साल है, जो ischemic dilated cardiomyopathy के Last stage में था, उनका एक innovative method के जरिए Transplant किया गया है।
33 वर्षीय व्यक्ति का किया हार्ट ट्रांसप्लांट
52 वर्षीय चंद्रप्रकाश गर्ग, को जिस व्यक्ति का Heart इन्हें दिया गया है वह 33 वर्षीय युवक था। जिसकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।जिसके बाद उसका Heart चंद्रप्रकाश गर्ग को दिया गया। इस surgery को करने में वैसे तो 2 से 3 घंटों का समय लगता है लेकिन इन doctors ने इसे 1 घंटे में पूरी कर के दिखाई और जो पूरी तरह से सफल रही।
हार्ट ट्रांसप्लांट से ठीक होने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर आप surgery के कुछ दिनों बाद उठ जाते हैं और चलने लगते हैं और 10 से 14 दिनों में Hospital छोड़ सकते हैं। हालंकी अहमदाबाद के Marengo CIMS Hospital में हुई 52साल के चंद्रप्रकाश गर्ग की surgery होने के बाद उसे Hospital से 9दिन बाद छुट्टी दे दि गई।
हार्ट ट्रांसप्लांट में 5 से 7 यूनिट खून देना पड़ता है
आमतौर पर हर बड़ी surgery में मरीज को blood देना जरूरी होता है क्यों की surgery के दौरान काफी ज्यादा मात्रा में मरीज का blood बह जाता है,जिसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट में जैसी surgery में कम से कम 5 से 7 यूनिट blood मरीज को देना पडता है। लेकिन surgery के बाद blood देने से इंफेक्शन या फिर मरीज का शरीर blood को पूरी तरह रिजेक्ट कर सकता है। लेकिन अब आई नई मशीनी technique से blood की जरुरत को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।
किन-किन डॉक्टर्स ने की यह सर्जरी
इस heart transplant के निदेशक डॉ. धीरेन शाह की निगरानी में एशिया में पहली बार इस तरह का ट्रांसप्लांट किया गया है। जिसके बाद अब अहमदाबाद के Marengo CIMS Hospital की इस टीम Dr. Dhaval Naik, heart transplant surgen, Dr. Niren Bhavsar,, cardiothoracic anesthetist, Dr. Chintan Seth, heart transplant anesthetist और Marengo CIMS., intensivist ये सारे डॉक्टर्स की टीम शामिल थी।