ब्राज़ील के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण वहां की स्थिति काफी खराब हो गई है। स्टेट डिफेंस एजेंसी के मुताबिक बाढ़ के कारण अब तक 75 लोगों की मौत हो गई, वहीं 65 से ज्यादा लोग घायल है। बाढ़ के कारण करीब 70 हज़ार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। ब्राज़ील के रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में बढ़ रहे जलस्तर से बांधों पर दबाव पड़ रहा है, जिससे 1.4 मिलियन आबादी वाले पोर्टो एलेग्रे को ज्यादा खतरा है।
रिहायशी इलाके पानी में डूब गए, सड़कें नष्ट हो गईं और पुल तेज लहरों में बह गए हैं। बताया जा रहा है कि, लोगों से एक तिहाई को खेल केंद्रों, स्कूलों और अन्य सुविधाओं केंद्रों में रखा गया है।
भूस्खलन और मूसलाधार तूफान के कारण लगभग 70 हज़ार लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए है। दलदल वाले इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। ब्राज़ील में मची इस तबाही में अब तक 75 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर सामने आ चुकी है, हालांकि मरने वालो की संख्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा करीब 67 लोग लापता है, जिनको ढूढने की कोशिश की जा रही है। वहीं राज्य के गवर्नर ने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि, लोगों को बचाने के लिए प्रयास जारी है और हम इस वक़्त इतिहास कि सबसे मुश्किल आपदा से निपट रहे हैं।
इस बाढ़ से ब्राज़ील का दक्षिणी भाग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से भूस्खलन हो रहा है। इसके बाद यहां से 70 हज़ार लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा है, जिसमें पोर्टो एलेग्रे का प्रमुख शहर विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रियो ग्रांडे डो सुल की राजधानी पोर्टो एलेग्रे में गुइबा झील में पानी बढ़ गया है। पोर्टो एलेग्रे के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने सभी उड़ानों को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है। राज्य के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अगले 36 घंटों में रियो ग्रांडे डो सुल के उत्तरी और उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है।
जलवायु परिवर्तन को बताया जा रहा जिम्मेदार
ब्राज़ील के राष्ट्रपति ‘लूला डी सिल्वा’ ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से मदद का वादा किया है। साथ ही उन्होंने बाढ़-बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। इस में बचावकर्मियों को लोगों का रेस्क्यू करने में काफ़ी परेशानी हो रही है। क्योंकि सड़कें और पुल पानी के बहाव के कारण नष्ट हो गए हैं।