इंदौर ने कल मेडिकल जगत का एक महत्वपूर्ण व्यक्ती खो दिया। डॉ. अनुराग श्रीवास्तव की कल दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इस खबर से बाकी शहर और मेडिकल फील्ड के लोग दुखी, हैरान और चिंतित हैं, क्यूंकि डॉक्टर श्रीवास्तव को ये दौरा तब आया जब वे बैडमिंटन खेल रहे थे। खेलने के दौरान उन्हें अचानक सांस लेने में कठिनाई होने लगी। वहाँ मौजूद उनके साथी डॉक्टर्स ने उन्हें CPR देने की कोशिश भी की लेकिन वे सभी नाकामयाब रहे।
उनके निधन के बाद परिवार की सहमति से, डॉ. श्रीवास्तव की आंखों को M. Y. हॉस्पिटल में डोनेट कर दिया गया। जो मेडिकल फील्ड में उनके अबतक किये गये कामों को सराहने का एक प्रयास है।
कैसे घटी ये घटना
64 साल के डॉ. श्रीवास्तव खेल के प्रति बहुत उत्साही थे और हमेशा की तरह सुबह बैडमिंटन खेल रहे थे। वे रोज़ की तरह सुबह सयाजी क्लब गए थे। 2 राउंड्स खेलने के बाद उन्हें कुछ ठीक नहीं लगा तो वो कुर्सी पर बैठे और एकदम सुस्त पड़ गए। CPR का कोई असर ना पड़ने के बाद, उन्हें तुरंत मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कार्डिएक अरेस्ट की संभावना जाहिर करते हुए उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के दौरान उनकी पत्नी स्वीडन में थी। वे खुद भी एक डायटिशियन हैं। उन्हें इस घटना के तुरंत बाद ही इन्फॉर्मेशन दे दी गई। दोनों के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा स्वीडन में एक स्टार्टअप चला रहा हैं और छोटा बेटा डॉ. प्रांजल इंडियन आर्मी में कैप्टन की रैंक में है।
डॉ. श्रीवास्तव के एक करीबी दोस्त ने बताया कि पहले उन्हें कभी दिल से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं थी। कुछ महीने पहले स्पाइनल कोर्ड की सर्जरी ज़रूर हुई थी, मगर वे नॉर्मल और हेल्थी थे।
डॉ. श्रीवास्तव का आखिरी पोस्ट
हैरान करने वाली बात ये है कि, डॉक्टर की एक पोस्ट जीवन और मृत्य जैसे सब्जेक्ट पर ही थी, जिसे पढ़कर ऐसा लगता है मानो उन्हें अपनी मृत्यु का पहले से अंदाज़ा हो गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, “पुराने नहीं जाएंगे तो नए कहां से आएंगे, पेड़ कब तक पीले पत्ते संभालते जाएंगे।”
कार्डिएक अरेस्ट के बढ़ते मामले
कुछ दिन पहले, एक बिजनेसमैन अमित चेलावत की भी इसी तरह मौत हुई थी। पहले केवल बड़ी उम्र के लोगों में ही इस तरह की समस्याएं देखने को मिलती थीं, मगर अब बच्चे, युवा, एडल्ट और बुज़ुर्ग… सभी वर्गों से जुड़े कई केस सामने आ रहे हैं।
इससे बचने के कुछ उपाय
एक्सरसाइज: इस समस्या से बचने के लिए अपनी फिजिकल एक्टिविटीज को बनाए रखना चाहिए जिसका सबसे अच्छा तरीका हैं एक्सरसाइज। हर दिन 15-20 मिनिट का वक्त एक्सरसाइज को देने से ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। इसके अलावा योग को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
तनाव न लेना: कार्डिएक अरेस्ट के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं तनाव, जिससे आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लगभग हर व्यक्ति जूझ रहा हैं। तनाव में कमी लाना बेहद ज़रुरी हैं। जितना भी हो सके, खुशी से जीवन जीने की कोशिश करें और तनाव को दूर करने वाली एक्टिविटीज पर ध्यान दें।
हेल्दी डाइट: अपने खानपान पर ज़रूर ध्यान दें। यदि भोजन अच्छा नहीं होगा, तो दिल को नुकसान पहुंच सकता हैं। फल और सब्ज़ियों वाले आहार पर ज़्यादा ध्यान दें, वहीं कार्बोहाइड्रेट, ऑइली , शुगर और हाई कोलेस्ट्रॉल वाली चीज़ों से दूर रहें।
स्मोकिंग एंड ड्रिंकिंग से बचें: बहुत ज़्यादा मात्रा में शराब या सिगरेट पीने से आपके दिल को काम करने में कठिनाई हो सकती हैं, इससे कार्डिएक अरेस्ट का ख़तरा बढ़ता हैं। Studies में पाया गया हैं कि सिगरेट पीने वालों में arteries ब्लॉक होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के नशे से जुड़ी हर आदत से दूरी बनाना बेहतर होगा।