अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने, पदासीन होने के बाद से टैरिफ वॉर ही छेड़ रखी है। चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों पर आक्रामक रहे ट्रंप ने इन दोनों देशों पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला किया था। इस निर्णय से स्थानीय व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या हो सकती थीं मगर मैक्सिको और कनाडा से वार्ता के बाद ट्रंप ने नरमी दिखाई है। मैक्सिको की राष्ट्रपति शिनबाम ने बताया कि ट्रंप से बातचीत के बाद तत्काल प्रभाव से तीस दिनों की राहत मिली है। उन्होंने यह भी आश्वसन दिया है कि अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए तकरीबन 10 हज़ार गार्ड्स को सीमा पर तैनात किया जाएगा। कनाडा को भी इतने दिनों की राहत मिल चुकी है। दूसरी ओर, चीन ने अमेरिकी कोयले पर 15% और कच्चे तेल तथा अन्य उत्पादों पर 10% टैरिफ लगा दिया है। यह चीन पर लगाए 10% टैरिफ का जवाब है।
अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको को तो राहत दी, लेकिन चीन के लिए ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे वो और भी नाराज़ है। इस प्रकार, दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच व्यापार को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
चीन अमेरिका से कृषि उत्पाद खरीदता आया है, जिनमें कृषि ड्रोन, ड्रिप इरीगेशन, रोटावेटर इत्यादि शामिल है। लेकिन टैरिफ बढ़ने के साथ अमेरिकी कृषि कंपनियों की कमाई पर प्रभाव पड़ना लाज़मी है।
अमेरिका और चीन के बीच LNG का व्यापार भी काफी बड़ा है। 2024 में चीन ने अमेरिका से तकरीबन 3.9 मिलियन LNG खरीदी थी, जो उसकी कुल आपूर्ति का 6% है। अगर टैरिफ बढ़ेंगे तो बाज़ार पर भी असर होगा और दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा। इतना ही नहीं, चीन ने Google पर भी जांच शुरू कर डाली है।
जानकारों की मानें तो आने वाला समय बड़ा कठिन होने वाला है। दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच टकराव से दुनिया किसी न किसी प्रकार से प्रभावित तो अवश्य होगी। और राष्ट्रपति ट्रंप के जो तेवर रहे है, उन्हें चीन का यह कदम बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा। ज़ाहिर है कि वो कुछ और ऐसे कदम उठाए, जिससे बाज़ार और अधिक प्रभावित होगा।
हालांकि भारत को इस कदम से बहुत फायदा पहुंच सकता है। FIEO के महानिदेशक अजय सहाय के अनुसार, ये कदम भारतीय निर्यात के लिए अच्छे अवसर पैदा कर सकता है, क्योंकि अमेरिकी खरीददार बड़ी हुई कीमतों से बचने के लिए दूसरे आपूर्तिकर्ताओं की तलाश करेंगे। हमें कितना लाभ मिलेगा, ये हमारी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता पर निर्भर करता है। उनके मुताबिक, मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मोबाइल, फॉर्मा, रसायन, परिधान और कपड़े के क्षेत्र में हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते है।