हाल ही में चीन ने TikTok पर से बैन हटा लिया है, जो अमेरिका के साथ चल रहे Tariff war के बीच एक महत्वपूर्ण और सोचा समझा कदम है।
इस decision के बाद, TikTok पर कई वीडियो सामने आए हैं जो यूरोपियन लक्ज़री ब्रांड्स की transparency और Price evaluation पर सवाल उठाते हैं। इन वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे ये ब्रांड्स अपने Products को चीन में कम लागत पर बनवाते हैं, लेकिन उन्हें अमेरिकन और यूरोपीयन लेबल के साथ ऊंचे दामों पर बेचते हैं।
TikTok, जो कि खुद एक चीनी कंपनी ByteDance की सर्विस है, उस पर अमेरिका में डेटा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को लेकर कई बार बैन लगाए गए हैं। हाल ही में, अमेरिका ने TikTok पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, जिससे चीन ने इस ऐप पर से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया। इस कदम को चीन और अमेरिका के बीच चल रहे Trade War से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां दोनों देश एक-दूसरे पर व्यापारिक प्रतिबंध और टैक्स लगा रहे हैं।
TikTok पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे यूरोपीय लक्ज़री ब्रांड्स, जैसे कि Hermès, Birkenstock, और अन्य, अपने products को चीन में कम लागत पर बनवाते हैं और फिर उन्हें अमेरिकन और यूरोपीयन लेबल के साथ ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इन वीडियो में यह भी बताया गया है कि कैसे consumer सीधे चीनी फैक्ट्रियों से कम कीमत पर products खरीद सकते हैं। इन वीडियो की वजह से बड़े – बड़े ब्रांड्स की चिंता बढ़ गई है।
इन वीडियो के वायरल होने के बाद, consumer में इन ब्रांड्स के प्रति विश्वास में कमी आई है। लोग अब यह सोचने लगे हैं कि क्या वे वास्तव में उस क्वालिटी और प्राइस के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं, जो उन्हें बताया जा रहा है।
चीन द्वारा TikTok पर से प्रतिबंध हटाना और उसके बाद वायरल हुए वीडियो ने Global market, Brand transparency और consumers trust के मुद्दों जैसे कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटनाक्रम दिखाती है कि कैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स consumers को जानकारी देने और ब्रांड्स की transparency पर सवाल उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा सकते हैं।