CBI ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में छापेमारी की है। यह कार्रवाई बुधवार सुबह हुई। कार्रवाई में सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल का है। रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवासों पर रेड डाली गई है।
दरअसल राज्य शासन ने CGPSC मामला, महादेव सट्टा एप और बिरनपुर हत्याकांड की जांच का जिम्मा CBI को दिया है। इन मामलों में CBI की जांच लगातार जारी है इसी सिलसिले में भूपेश बघेल के घर रेड डाली गई। महादेव सट्टा मामले में तत्कालीन सरकार में 70 FIR दर्ज हुई थी। पहले महादेव सट्टा एप की जांच ईडी कर रही थी।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप एक अवैध प्लेटफ़ॉर्म है, जो पोकर, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस और फ़ुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाने की सुविधा प्रदान करता है। इस ऐप के प्रमोटरों पर आरोप है कि उन्होंने अवैध धनराशि का लेन-देन किया और इसे हवाला के माध्यम से विदेशों में भेजा। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में 300 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
CBI की टीमों ने रायपुर और भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवासों के अलावा, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के करीबी माने जाने वाले एक व्यवसायी के घर पर भी छापेमारी की। इसके अलावा, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टूटेजा, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, और चार IPS अधिकारियों के ठिकानों पर भी जांच की गई।
CBI की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अब CBI आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित ड्राफ़्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए आज दिल्ली जाना है। उससे पूर्व CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुंच चुकी है।”
इससे पहले, मार्च 2025 में ED ने भी भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के दुर्ग जिले स्थित आवासों पर छापेमारी की थी। उस दौरान ED ने 33 लाख रुपये नकद बरामद किए थे, जिसे बघेल ने खेती, डेयरी और पारिवारिक बचत से संबंधित बताया था।
महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में CBI की इस ताज़ा कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा रही है। जांच एजेंसियों की इन कार्रवाइयों से यह संकेत मिलता है कि अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। भूपेश बघेल और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर लगे आरोपों की सत्यता जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।