22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव अपने चरम पर हैं। इस हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ Diplomatic Actions ले ही चुका हैं। इसके अलावा International Community को भी इस पूरी घटना से अवगत कराया गया हैं। कई बड़े देश भारत का समर्थन भी कर रहे हैं। इसी हमले के बाद पाकिस्तान युद्ध की धमकियां भी दे रहा हैं जिसे देखते हुए सुरक्षा के लिहाज़ से कल 7 मई को भारत के 244 जिलों में Civil Defence Mock Drill का आयोजन किया जाएगा। ये असल में क्या होती हैं इसपर एक नज़र डालते हैं।
क्या होती हैं Mock Drill?
Civil Defence Mock Drill एक ऐसी Exercise होती हैं जिसमें Emergency Situations जैसे युद्ध, आग, बाढ़, आतंकी हमले आदि से निपटने की तैयारी को जांचा-परखा जाता हैं। इसमें Emergency Services जैसे Fire Brigade, Police, Ambulance आदि की तत्परता को भी जांचा जाता हैं। आम लोगों को ये सिखाया जाता हैं कि मुसीबत के वक्त उन्हें क्या करना चाहिए। 1971 के बाद पहली बार Mock Drill का आयोजन किया जा रहा हैं। ये सब कुछ असली Emergency की स्थिति में किया जाता हैं, ताकि अगर कभी असली संकट आए तो जान माल का नुकसान कम हो।
इसमें क्या-क्या होगा?
Drill के दौरान सायरन बजाए जायेंगे, Blackout Measures लिए जायेंगे और ज़रूरी Locations को Camouflage किया जायेगा। बचने के तरीकों को भी Update और Practice किया जाएगा। साथ ही भारतीय वायु सेना के साथ Communication Systems जैसे Hotline और Radio Links का भी परीक्षण किया जाएगा। इस Exercise में जिला प्रशासन, NSS, NCC, NYKS, होम गार्ड्स, स्कूलों और कॉलेज के छात्र भाग लेंगे।
कहां-कहां पर होने वाली हैं Mock Drill?
भारत के 244 Civil Defence जिलों में ये Exercise आयोजित की जाएगी। इसमें देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, शहरी बेंगलुरू, रायचूर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, हैदराबाद, आगरा, गोरखपुर, लखनऊ, जालंधर, पटियाला जैसे प्रमुख शहर शामिल होंगे। यदि मध्य प्रदेश की बात करें तो इसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से दुर्ग (भिलाई) को चुना गया हैं।
इस Mock Drill का मकसद आम नागरिकों को किसी भी मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है, न कि उन्हें डराना। आम लोगों को घबराने या Panic करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। ये एक Exercise है ताकि असली संकट के समय जान-माल की हानि को कम किया जा सके। सिर्फ आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। किसी भी तरह की अफवाह या झूठी खबर पर ध्यान न दें और न ही उसे आगे साझा करें।