खालिस्तानी समर्थक और आतंकी अमृतपाल सिंह इस समय असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में कैद है। उसके अलावा ‘वारिस पंजाब दे’ के 10 सदस्य भी उसी जेल मे हैं। इस कट्टरपंथी समूह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था और वे पिछले साल से इस जेल में बंद हैं। वैसे तो ये जेल कड़ी सुरक्षा के लिए जानी जाती है लेकिन एक नये खुलासे ने सबको हैरान – परेशान कर दिया है। इसके पीछे की वजह अमृतपाल और उसके साथी की सेल मे चैकिंग के दौरान मिली आपत्तिजनक सामाग्री है।
चैकिंग मे क्या – क्या मिला?
तलाशी लेने के दौरान कई सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, एक सामान्य फोन, जासूसी कैमरे, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, एक स्पाईकैम पेन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए थे।
अब पुलिस इस बात की जांच में जुट गई है कि जेल के अंदर ये सारी चीजें कहां से आईं और कौन-कौन इनका इस्तेमाल करता था। CCTV कैमरे भी देखे जा रहे हैं। जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार किया गया है। जेलर पर अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की मदद करने का आरोप लगा है।
इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने दी थी।माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “एनएसए सेल में होने वाली अनाधिकृत गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने पर, एनएसए ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। प्राप्त इनपुट की पुष्टि की गई। अनधिकृत गतिविधियों के आधार पर जेल कर्मचारियों ने आज सुबह एनएसए सेल के परिसर की तलाशी ली गई और आपत्तिजनक सामान जब्त कर लिया गया था। आगे की कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने ये भी कहा था कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है और एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं।
पंजाब जेल शिफ्ट होने की मांग भी कर रहे आरोपी
इसके घटना के पहले अमृतपाल और उसके साथी दो हफ्ते से भूख हड़ताल पर बैठे थे। वे मांग कर रहे थे कि उन सबको पंजाब जेल में शिफ्ट किया जाये। लेकिन मांग पूरी ना होने की मांग के बाद अमृतपाल और उनके साथी ने खाना खाना बंद कर दिया और हड़ताल पर बैठ गए जिसके बाद 2 की तबियत अचानक ख़राब हो गई है और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।