भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, यदि IMF यानी International Monetary fund के latest economic Outlook की स्टडी पर विश्वास किया जाए, तो भारत की GDP 2023-24 और 2028-29 के बीच 6.3% की दर से बढ़ेगी, नवीनतम अवधि जिसके लिए ये आंकड़े उपलब्ध हैं। इस अवधि के दौरान चीन की वृद्धि भारत की तुलना में कम रहेगी, जिससे भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जाएगा। चीन की महामारी के बाद से रिकवरी धीमी रही है।
बड़ी वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत वित्त वर्ष 2012/23 में 7.2% के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। भारत की विकास दर G20 देशों में दूसरी सबसे ऊंची थी और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के औसत से लगभग दोगुनी थी।
क्या है मापने का पैमाना?
किसी देश की आर्थिक ताकत अक्सर उसके GDP से मापी जाती है, जो एक विशिष्ट वर्ष के दौरान उसकी सीमाओं के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को दर्शाता है। currency fluctuations दरों में उतार-चढ़ाव इन रैंकिंग को प्रभावित कर सकते हैं।
भारत GDP मे भी आगे और भुखमरी मे भी
2 दिन पहले ग्लोबल हंगर इंडेक्स भी जारी हुआ है जिसमें भारत का स्कोर 28.7 फीसदी है जो इसे ऐसी कैटेगरी में लाता है जहां भूख और भुखमरी की स्थिति बेहद गंभीर है। रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति उससे बेहतर दिखाई गई है। हंगर इंडेक्स की लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है। देखा जाए तो पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ही ऊपर है।
भारत सरकार के अनुसार आंकड़े गलत
सरकार का तर्क है कि GHI गणना में उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन पूरी तरह से बाल स्वास्थ्य से संबंधित हैं। उनका तर्क है कि ऐसे संकेतक पूरी आबादी की भूख की स्थिति का सटीक प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं। मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट में बच्चों की मृत्यु दर पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भारत में भूख की जटिलताओं को पकड़ने में विफल रहा है। न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि global hunger index भारत की सही और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ये देश की छवि को खराब करने का प्रयास है।