इस समय टीम इंडिया और रोहित – कोहली जैसे बड़े नाम आलोचनाओं से घिरे हुए हैं। गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम का हाल कुछ ठीक नहीं है। गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम श्रीलंका में वनडे सीरीज़ हार चुकी है। साथ ही इन्हें घर में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में भी बुरी हार मिली थी। कुल मिलाकर टीम लगातार हार के नए रिकॉर्ड बना रही है और इसी के चलते लोग गंभीर को जमकर सुना रहे हैं। अब आलोचना करने वालों वालों की लिस्ट में एक ऐसे खिलाड़ी का नाम जुड़ गया है, जिसने गंभीर की कप्तानी में Kolkata Knight Rider को चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
खिलाड़ी का नाम है मनोज तिवारी। वे पूर्व इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा होने के साथ – साथ गंभीर की कप्तानी वाली KKR टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में मिली हार के बाद तिवारी ने गंभीर को ‘पाखंडी’ बताया है।
मनोज ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि “गौतम गंभीर पाखंडी हैं। वो जो कहते हैं, वो करते नहीं।कप्तान रोहित मुंबई से हैं, बैटिंग कोच अभिषेक नायर भी मुंबई से हैं। रोहित को धकेलकर आगे किया गया। कोई जलज सक्सेना की बात नहीं करता। वह परफ़ॉर्म करते हैं लेकिन शांत रहते हैं। बोलिंग कोच का क्या इस्तेमाल है। जो भी कोच कहेंगे, वह राज़ी हो जाते हैं। मोर्नी मॉर्कल लखनऊ सुपर जाएंट्स से आए। अभिषेक नायर कोलकाता नाइट राइडर्स में गंभीर के साथ थे। गंभीर को पता है कि नायर उनके सुझावों के खिलाफ़ नहीं जाएंगे।”
इसी बातचीत में तिवारी ने ये भी कहा कि रोहित और गंभीर के बीच सब ठीक नहीं है। जहां रोहित वर्ल्ड कप जीत चुके कप्तान हैं, वहीं गंभीर के खाते में बस IPL ट्रॉफ़ीज़ हैं।
PR के मुद्दे पर गंभीर को चखाया उनकी दवा का स्वाद!
अक्सर देखा गया है कि गौतम गंभीर PR की बात करते हुए कई प्लेयर्स खास कर महेंद्र सिंह धोनी पर क्रेडिट लेने को लेकर बिना नाम लिए निशाना साधते रहते हैं। लेकिन अब उन्हीं की दवाई उन्हें चखाई गई है। मनोज ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि , ‘वो साथ कैसे काम करेंगे? रोहित एक वर्ल्ड कप विनिंग कप्तान हैं जबकि गंभीर ने KKR को कप्तान और फिर मेंटॉर के रूप में IPL जिताया है। गंभीर ने अकेले दम पर कोलकाता को ख़िताब नहीं जिताया। हम सबने एक टीम की तरह प्रदर्शन किया। जैक कालिस, सुनील नरेन और मैंने भी योगदान दिया। लेकिन क्रेडिट कौन ले गया? एक वातावरण और PR है जो उन्हें सारा क्रेडिट लेने देता है।’
कैसा रहा मनोज का करियर?
मनोज तिवारी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। मनोज ने अपने करियर के दौरान खेले कुल 12 वनडे मैचों में 26.09 की औसत से 287 रन बनाए। इस दौरान मनोज के बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला मनोज ने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू साल 2011 में किया। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में मनोज को सिर्फ एक ही पारी में बल्लेबाजी करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 15 रन बनाए। मनोज ने वनडे में अपना आखिरी मुकाबला साल 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला, जबकि लास्ट टी-20 इंटरनेशनल मैच उन्होंने साल 2012 में खेला। घरेलु क्रिकेट में उनका रिकार्ड शानदार रहा लेकिन दुर्भाग्यवश मनोज को विश्व स्तर पर अपनी काबिलियत दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिल सका।
धोनी की आलोचना भी कर चुकें है तिवारी
मनोज तिवारी ने घरेलू क्रिकेट में अपना आखिरी मैच खेलने के बाद पत्रकारों संग बातचीत करते हुए एमएस धोनी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं एमएस धोनी से यह पूछना चाहता हूं कि साल 2011 में सेंचुरी लगाने के बावजूद मुझे प्लेइंग इलेवन से क्यों ड्रॉप किया गया। मेरे अंदर भी विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसा हीरो बनने की काबिलियत मौजूद थी। आज मैं देख रहा हूं कि कई खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है, जिसे देखकर मुझे दुख पहुंचता है।”
गंभीर के सपोर्ट में उतरे युवा खिलाड़ी!
मनोज द्वारा गंभीर पर पाखंडी और पक्षपाती होने के आरोप के इस बीच टीम इंडिया के दो युवा खिलाड़ी गंभीर के सपोर्ट में उतर आए हैं। युवा गेंदबाज हर्षित राणा ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर गौतम गंभीर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “व्यक्तिगत असुरक्षा के कारण किसी की आलोचना करना ठीक नहीं है। गौती भैया दूसरों के बारे में खुद से ज्यादा सोचते हैं। जब खिलाड़ी खराब दौर से गुजर रहे होते हैं, तो वह हमेशा उनका सपोर्ट करते हैं। जब चीजें हमारे पक्ष में होती हैं तो वह उन्हें लाइमलाइट में लाते हैं। उन्होंने कई मौकों पर ऐसा किया है। उन्हें पता है कि खेल को अपने पक्ष में कैसे मोड़ना है।”
वहीं नीतीश राणा ने लिखा, “आलोचना फैक्ट्स पर आधारित होनी चाहिए। व्यक्तिगत असुरक्षाओं पर नहीं। गौती भैया निस्वार्थ खिलाड़ियों में से एक हैं, जिनसे मैं कभी मिला हूं। मुश्किल समय में वह किसी अन्य की तरह जिम्मेदारी निभाते हैं। प्रदर्शन को प्रचार की जरूरत नहीं होती।ट्रॉफी खुद बोलती हैं।”
अब ये बहस और वाद विवाद तो चलता रहेगा लेकिन इस बीच हमे गंभीर के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में देख लेना चाहिए। गौतम गंभीर भारत के बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं। वह 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में विजयी टीम इंडिया का अहम हिस्सा रहे हैं। बतौर कप्तान गंभीर ने KKR को IPL में दो बार चैंपियन बनाया। IPL 2022 में वह लखनउ सुपर जाइंट के मेंटर रहे जहां टीम तीसरे नंबर पर फिनिश करने में सफल रही वहीं 2024 में गंभीर की देखरेख में KKR चैंपियन बनी थी।