पूरी दुनिया में अपनी अमीरी का डंका बजाने वाला हिंदुजा परिवार मुश्किल में आ गया है। ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवारों में से एक हिंदुजा परिवार के 4 सदस्यों को जेल हो गई है। स्विट्जरलैंड की एक कोर्ट ने हिंदुजा परिवार के 4 सदस्यों को अपने घर में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों का शोषण करने के आरोप में चार से साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। आपको बता दे कि, हिंदुजा परिवार की जड़ें भारत में हैं, लेकिन वह 1980 के दशक के अंत से स्विट्जरलैंड में बसे थे। आईटी, मीडिया, बिजली, रियल एस्टेट और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में हिंदुजा ग्रुप का काफ़ी बड़ा कारोबार है। फोर्ब्स के अनुसार, हिंदुजा फैमिली की कुल संपत्ति लगभग 20 बिलियन डॉलर हैं।
हिंदुजा परिवार कौन हैं?
परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में ब्रिटिश भारत के सिंध क्षेत्र में कमोडिटी-ट्रेडिंग व्यवसाय की स्थापना की थी, जिसे उनके चार बेटों ने जल्दी ही एक विशाल कारोबार में तब्दील कर दिया। उन्हें शुरुआत में बॉलीवुड फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिस्ट्रीब्यूट करने में भारी कामयाबी मिली थी। परिवार के सबसे बड़े बेटे श्रीचंद हिंदुजा का साल 2023 में निधन हो गया था। श्रीचंद की मृत्यु के बाद उनके भाई गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ही बचे थे। तीनों छोटे भाइयों की पहले श्रीचंद और उनकी बेटी वीनू के साथ परिवार की संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन 2022 में उन्होंने अपने मतभेद को सुलझा लिया था। उसके बाद फिर तीनों भाइयों ने मिलकर इस कारोबार को आगे बड़ाया।
क्या-क्या हैं हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर आरोप ?
हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर आरोप है कि, उन्हें इस बात की जानकारी थी कि,भारत से लाए गए स्टाफ को स्विट्लैंड के बारे में न तो ज्यादा जानकारी थी और न ही यहां की भाषा उन्हें आती थी, जिसका नाजायज फायदा हिंदुजा परिवार के इन चारों सदस्यों ने उठाया। हिंदुजा परिवार के सदस्य इन कर्मचारियों की कमजोरियों को जानते थे। उन्होंने चारों भारतीय कर्मचारियों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे। उन्हें स्विस फ्रैंक के बजाय भारतीय रूपयो में भुगतान किया जाता था। लेकिन वह अपने परिवार के पालतू कुत्ते पर सालाना 8554 फ्रैंक खर्च करते थे। उनके कहीं आने जाने पर भी रोक लगाई गई और स्विट्जरलैंड में न्यूनतम वेतन पर उन्हें लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया गया और कभी कभी कर्मचारियों को बिना छुट्टी के एक दिन में 18 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
मानव तस्करी के आरोपों को किया खारिज
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, हिंदुजा परिवार के सदस्य अपने घरेलू सहायकों का शोषण करने के दोषी हैं। अदालत ने यह भी कहा कि, हिंदुजा फैमिली अपने कर्मचारियों को उनके काम के बदले जितनी सैलरी दे रही थी, वह स्विट्जरलैंड में ऐसी नौकरियों के वेतन के 10वें हिस्से से भी कम था। हालांकि, अदालत ने मानव तस्करी के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, जो कर्मचारी भारत से यहां काम कर्मचारियों को पता था कि वे कहां जा रहे हैं और उन्हें वहां क्या करना है।
किन-किन सदस्यों को हुई सजा?
बता दें कि, हिदुजा परिवार के 4 सदस्यों में प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी कमल हिंदुजा, उनके बेटे अजय हिंदुजा और उनकी बहू नम्रता हिंदुजा को दोषी पाया गया है। कोर्ट ने प्रकाश और कमल हिंदुजा को साढ़े 4 साल, जबकि अजय और नम्रता हिंदुजा को 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उनके परिवार के मैनेजर आरोपी नजीब जियाजी को भी 18 महीने की सजा सुनाई गई है।
2018 में हिंदुजा परिवार पर लगा था आरोप
हिंदुजा परिवार के खिलाफ नौकरों से शोषण का मामला 2018 में शुरू हुए एक मामले के बाद सामने आई थी। जिसके बाद स्विस प्रॉसीक्यूटर्स ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए विला, हिंदुजा बैंक के कार्यालयों और हिंदुजा समूह के स्वामित्व वाले अन्य स्थानीय व्यवसायों पर छापा मारा और दस्तावेज और हार्ड ड्राइव जब्त कर ली गई थी। उसके बाद से अभी तक लगातार जांच जारी रही थी।
देखा जाए तो आए दिन विदेशों में काम करने गए भारतीयों के साथ गलत व्यवहार करने की खबरे सामने आती रहती है। कहीं विदेश पढ़ने गए छात्रों को मार दिया जाता है। तो कभी अच्छे काम और अच्छी नौकरी का झूठा झांसा देकर उन्हें बंदी बना लिया जाता है। इतना सब कुछ होने के बाद अब एक सवाल जरुर उठ रहा है कि, क्या भारतीयों को अपने देश को छोड़ कर, विदेशों में काम करने के लिए जाना सही है या नहीं ? इस पर आप अभी लोगों की क्या राए है हमें कॉमेंट करके जरूर बताए।