ईरान के करमान शहर में 3 जनवरी को हुए 2 धमाकों में 95 लोगों की मौत हो गई और 211 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि, 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में यह धमाके हुए। डिप्टी गवर्नर ने इन धमाकों को ‘आतंकवादी’ हमला करार दिया है।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पश्चिम एशिया की गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाई के बीच हुए इन धमाकों के पीछे कौन है।
ईरान में सुलेमानी की कब्र के पास हुए धमाके
ईरान के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास हुए इन धमाकों के बाद बड़ी संख्या में मौत हुई हैं। भगदड़ में जो लोग घायल हुए, उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। ईरानी स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि, मरने वालों संख्या 103 से कम होकर 95 हो गई है। उन्होंने बताया कि इन धमाकों में 211 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ये धमाके 20 मिनट के अंतराल पर हुए हैं। जब पहला धमाका हुआ तब वहां मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गई। धमाके के बाद लोग अपने जानने वालों को ढूंढने लगे। इस बीच 20 मिनट के अंतराल पर फिर दूसरा धमाका हुआ। इस धमाके ने वहां शवों का ढेर कर दिया।
धमाके को आतंकी हमला बताया
डिप्टी गवर्नर ने इन धमाकों को आतंकी हमला बताया हैं, ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी तसनीम ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, घटनास्थल पर दो बैग में बम थे, जिनमें ब्लास्ट हुआ। ऐसा लगता है कि इन बमों को रिमोट कंट्रोल की मदद से डिटोनेट किया गया। कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर कई गैस कंटेनरों में विस्फोट हुआ था। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि विस्फोट गैस सिलेंडर की वजह से हुआ या फिर नहीं।
कोन थे जनरल सुलेमानी और कैसे हुई थी उनकी मौत?
ईरानी सेना के पूर्व जनरल सुलेमानी की 3 जनवरी 2020 को बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। सुलेमानी एक कद्दावर शख्सियत थे। सुलेमानी को सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद देश का दूसरा सबसे ताकतवर शख्स माना जाता था और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की फॉरेन ऑपरेशन ब्रांच कुद्स फोर्स के कमांडर थे। वह ईरान के खुफिया मिशनों से जुड़े हुए थे और वह हमास और हिज्बुल्ला के साथ-साथ कई सहयोगी सरकारों और सशस्त्र समूहों को गाइड भी करते थे। साथ ही उन्हें हथियार और अन्य जरूरी सहायता मुहैया कराते थे। 2020 में ट्रंप ने सुलेमानी की मौत को सबसे बड़ी जीत बताते हुए, उन्हें दुनिया का आतंकी नंबर एक तक कहा था।
नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इन धमाकों की प्रतिक्रिया देने की कसम खाई है। खामेनेई ने एक बयान में कहा कि, “क्रूर अपराधियों को पता होना चाहिए कि अब उनसे सख्ती से निपटा जाएगा और निस्संदेह कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।” वहीं राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इसे जघन्य और अमानवीय अपराध बताया है और कहा कि “दुश्मन शहीद जनरल सुलेमानी की कब्रगाह को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।”
कई देशों ने की निंदा
ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, “वह हमलों में शामिल लोगों और उनके समर्थकों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय तरीकों का इस्तेमाल करेगा।” इस बीच राष्ट्रपति रईसी ने अपनी तुर्की की यात्रा रद्द कर दी है। रूस और तुर्की समेत कई देशों ने हमलों की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया हैं।