आमदिनों से इतर मैं आज जल्दी उठ गया। चाय पीते हुए मन मे खयाल आया कि देखूँ UN मे एस. जयशंकर की स्पीच हो गई या नहीं। दरअसल कल से ही मेरे मन मे ये ‘जिज्ञासा’ और बढ़ गई थी को कनाडा को वे क्या जवाब देंगे। मैंने Google Chrome को ओपन किया तो मुझे गूगल का doodle बदला हुआ दिखा l Doodle ‘G25GLE’ मे 25 नंबर को देख हालांकि मुझे अंदाजा हो गया था कि मामला क्या हो सकता है। लेकिन खुद के अंदाजे को सही साबित करने और असल वजह जानने की मुझमे ‘जिज्ञासा’ हुयी और मैंने DOODLE को क्लिक किया। एक नया वेब पेज ओपन हुआ सामने लिखा था ‘Happy birthday Google’। मुझे खुशी हुयी! इस बात की ज्यादा की ज्यादा की मेरा अंदाजा सही था, हाहा ! मैंने सोचा कि क्यूं ना पहला आर्टिकल आज इसी पर लिखा जाये।
दरअसल गूगल सर्च इंजन हर व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। आम से गैरआम कैसा भी सवाल हो हम गूगल का doorbell तुरंत बजा देते है। सबसे अच्छी बात है कि गूगल हमारे अन्य चिढ़चिढ़ा पड़ोसियों से अलग बिल्कुल शालीनता से सारे जवाब दे देता है इनमे वो जवाब भी शामिल होते हैं जो हमने पूछे भी नहीं थे।
Google को चार सितंबर 1998 को अमेरिका के लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने डेवलप किया था। कयी और अन्य बड़ी कंपनियों की ही तरह गूगल की शुरुआत भी एक गैराज से हुई थी। वो कहते हैं ना कि दुनिया मे दो लोग बिना वजह नही मिलते ऐसा ही कुछ गूगल के बनने के पीछे भी हुआ जब दो कंप्यूटर वैज्ञानिकों के बीच एक आकस्मिक मुलाकात ने इंटरनेट और लाखों लोगों के जीवन की दिशा बदल दी।
Backrub से Google तक का सफर
Google की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज की पहली मुलाकात जनवरी 1997 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी। यह मुलाकात तब हुई थी जब सर्गेई ब्रिन, जो पहले से ही पीएच.डी. थे। विश्वविद्यालय में एक छात्र को लैरी पेज को परिसर में घुमाने के लिए कहा गया क्योंकि पेज अपनी पढ़ाई के लिए स्टैनफोर्ड के बारे में सोच रहा था। और, Google की यात्रा शुरू हुई।
एक साल बाद, दोनों ने एक सर्च इंजन विकसित करने के लिए, अपने हास्टल के कमरे में एक साथ काम करना शुरू किया। और, उन्होंने सफलतापूर्वक अपना पहला प्रोटोटाइप बनाया। कहानी ये भी है गूगल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज के बीच पहली मुलाकात में लगभग हर विषय पर असहमति थी। उनके आविष्कार ने सिलिकॉन वैली में प्रमुख निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया, और अगस्त 1998 में, सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक एंडी बेचटोल्सहेम ने सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज को 100,000 डॉलर का चेक दिया और Google Inc. का आधिकारिक तौर पर जन्म हुआ। इस सर्च इंजन शुरू में वर्ल्ड वाइड वेब के भीतर व्यक्तिगत वेब पेजों के महत्व का आकलन करने के लिए लिंक के विश्लेषण पर निर्भर था। किसी वेबसाइट के महत्व को मापने के लिए ‘बैक लिंक’ के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करने के कारण इसे पहले ‘बैकरब’ नाम दिया गया था। इसके बाद, इसका नाम बदलकर Google कर दिया गया। निवेश के साथ, नई टीम अपने हास्टल से निकलकर अपने पहले ऑफिस में चली गई, जो कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क के इलाके में स्थित ‘एक गैरेज’ था। बाद के वर्षों में, Google ने तेजी से विकास देखा, जिसके कारण इसे अपने वर्तमान headquarter में शिफ्ट कर दिया गया, जिसे माउंटेन व्यू, कैलिफ़ोर्निया में ‘Googleplex’ के नाम से जाना जाता है।
एक सवाल जिसका जवाब देना गूगल के लिए भी मुस्किल काम
क्या वास्तव मे 27 सितंबर को ही है गूगल का जन्मदिन? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब गूगल के लिए भी एक मुस्किल काम है। दरअसल, गूगल के founders इसकी शुरुआत से ही अलग-अलग दिन इसका जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। सबसे पहले गूगल ने अपना जन्मदिन 7 सितंबर को मनाया था। फिर कुछ साल 8 सितंबर और अगले कयी सालों तक 26 सितंबर को भी। गूगल बनने के समय डोमेन नाम रजिस्टर करने का प्रभारी संगठन द्वारा Google.com 15 सितंबर 1997 को रजिस्टर किया गया था। तो वो तारीख भी चुनी जा सकती थी लेकिन, Google ने सितंबर 1998 तक अपनी वेबसाइट लॉन्च नहीं की थी। इसीलिए 15 सितंबर को नही चुना गया। फिर अंततः 27 सितंबर को कंपनी ने अपने सर्च इंजन पर रिकॉर्ड नंबर पेज सर्च किया गया था। इसके बाद से अब तक इसी दिन कंपनी अपना जन्मदिन मनाती है।
जिज्ञासा के 25 साल!
जैसा कि Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने इस महीने की शुरुआत में एक लेख मे लिखा था , इस मील के पत्थर तक पहुंचना एक बहुत बड़ा सौभाग्य है – और हमने इसे अकेले नहीं किया है। हम एक प्रौद्योगिकी कंपनी हो सकते हैं, लेकिन Google आज जो कुछ भी है, वह लोगों की वजह से है: हमारे कर्मचारी, हमारे साझेदार, और सबसे महत्वपूर्ण, वे सभी लोग जो हमारे उत्पादों का उपयोग करते हैं। तो जैसे हम आज अपना 25वां जन्मदिन मना रहे हैं, हम आपकी जिज्ञासा के 25 साल पूरे होने का भी जश्न मना रहे हैं।