कर्नाटक में बंधक बनाए गए मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के 60 मजदूरों को कोलारस थाना पुलिस 18 जनवरी को सही सलामत वापस लेकर आई हैं। ये सभी मजदूर करीब तीन महीने पहले कर्नाटक में गन्ना कटाई की मजदूरी करने गए थे। जिसके कुछ दिन बाद अचानक उनका परिवार वालों से सम्पर्क टूट गया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को इस बात की शिकायत की थी। वहां से लौटे मजदूरों ने जो अपना दुख सुनाया वह रोंगटे खड़े कर देने जैसा है। जब कोई मजदूर बीमार हो जाता था, तो मिल मालिक उसके पैरों में जंजीर बांध दिया करता था, और मजदूरी के रुपये मांगने पर उन्हें बेल्टों से बेरहमी से पीटा जाता था। जब मजदूर लौटे तो कुछ के पैरों में जंजीरें भी बंधी हुई थीं।
शिवपुरी से हर साल बड़ी संख्या में आदिवासी लोग मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं। जिले में ऐसे कई ठेकेदार हैं, जो मजदूरों को अपने साथ लेकर जाते हैं। कर्नाटक में भी जो मजदूर गए थे। वे इससे पहले भी इस तरह से मजदूरी के लिए बाहर दूसरे शहरों में जाते रहे हैं।
परिजनों ने बताया की मजदूरों ने 14-15 जनवरी यानि मकर संक्रांति पर अपने घर वापस आने की बात कही थी। लेकिन वाहं के दलाल ने उन्हें अने नहीं दिया, बल्कि उनके मोबाइल भी बंद करके अपने पास रख लिए। वहां से आए जाफरपुर के रहने वाले कैलाश ने बताया कि, सभी को सुबह 6 बजे उठा दिया जाता था, और रात 10 बजे तक खेतों में गन्ना कटवाया जाता था। मजदूरी के पैसे मांगने पर बेल्ट और गैस की लेजम से पीटा जाता था। इतना ही नहीं बलकि यह लोग महिलाओं तक को नहीं छोड़ते थे। उन्होंने किसी तरह अपने परिजनों से संपर्क करके उन्हें पूरी बात बताई। जिसके बाद परिवारजनों ने इसकी शिकायत शिवपुरी थाना में दर्ज कारवाई।
इस पूरी कार्रवाई में कोलारस थना प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह मावई, उनि राघवेंदर सिंह यादव, सउनि रामसिह भिलाला, प्रआर नरेश दुबे, राहुल परिहार, आर पुष्पेंद्र रावत, साइवर सेल शिवपुरी से विकास चौहन और आलोक सिंह विशेष भूमिका रही है।
शिवपुरी पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि, मजदूरों के परिजनों ने शिकायत कि थी की कुछ लोगों को मजदूरी के लिए ठेकेदार कर्नाटक ले गया था। मगर वहां पहुंचते ही उनकी खबर मिलनी बंद हो गई। परिजनों की शिकायत पर मजदूरों की लोकेशन पता की गई। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और वहां की स्थानीय पुलिस के साथ मजदूरों को रेस्क्यू किया।