अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के महिला कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. नईमा खातून अब AMU की नई कुलपति बन गई हैं। प्रो. नईमा खातून AMU के लगभग 100 सालों के इतिहास में कुलपति पद पर पहुंचने वाली पहली महिला बनी है। पॉलिटिकल साइकोलॉजी में PHD हासिल नईमा दुनिया के कई देशों में लेक्चर दे चुकी हैं। साथ ही जानी-मानी नईमा ने लगभग 6 किताबें लिखी हैं और कई किताबें पब्लिश भी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि कई अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में उनके पेपर पब्लिश हो चुके हैं।
सितंबर 2020 में, AMU के एक विश्वविद्यालय के रूप में 100 वर्ष पुरे हो चुके हैं, और यह भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। इस विश्वविद्यालय में अब तक कोई महिला कुलपति नहीं रही है। 1920 में, बेगम सुल्तान जहां को AMU की कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर आसीन होने वाली एकमात्र महिला थीं।
AMU के पूर्व कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के इस्तीफा देने के बाद AMU में कुलपति का पद 2 अप्रैल 2023 से खाली चल रहा था। पूर्व प्रो. तारिक मंसूर का कुलपति का कार्यकाल 17 मई 2022 को खत्म हो चुका था। जिसके बाद उनके स्थान पर सह कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज को उनके स्थान पर कुलपति की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि प्रो. तारिक मंसूर के 17 मई 2022 को इस्तीफा देने के बाद से वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और MLC हैं।
बता दें कि, AMU ने कुलपति पद के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था और पिछले साल नवंबर में इनके नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे थे। इस लिस्ट में AMU के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के पूर्व डीन प्रोफेसर मुजफ्फर उरूज रब्बानी, पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर फैजान मुस्तफा और प्रो. नईमा खातून का नाम दिया गया था। इसके बाद AMU ने आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया कि, नईमा खातून को पांच साल की अवधि के लिए AMU की कुलपति नियुक्त किया गया है।
कौन है नईमा खातून?
प्रोफेसर नईमा खातून को तीन दशकों से भी अधिक समय का शैक्षणिक अनुभव है। मनोविज्ञान में डॉक्टरेट करने के बाद, अगस्त 1988 में नईमा खातून में AMU में व्याख्याता के लेक्चरर रूप में अपना कार्यकाल किया था। साथ ही पिछले कुछ वर्षों में वह AMU में अलग-अलग शैक्षणिक पदों को संभाल चुकीं है। वह जुलाई 2014 में AMU वीमेंस कॉलेज की प्रिसिंपल भी बनी थीं। फिर उन्होंने अक्टूबर 2015 से अलीगढ़ के AMU में सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड कैरियर प्लानिंग के डायरेक्टर की भूमिका भी निभाई। इससे पहले वह मनोविज्ञान विभाग में असोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रूप में काम कर चुकी थीं। साथ ही खातून दिल्ली के अध्ययन विकास केंद्र और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी कर चुकी हैं। उन्होंने मध्य अफ्रीका के नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी फैकल्टी के रूप में काम किया है।