नई दिल्ली। देश के 11 करोड़ किसानों के लिए अच्छी खबर है। सरकार पीएम-किसान के तहत मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी कर सकती है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। उसमें पीएम-किसान निधि को बढ़ाने की घोषणा हो सकती है। अभी इसमें हर साल तीन किस्तों में 6,000 रुपये मिलते हैं। इसे बढ़ाकर 8,000 से 9,000 रुपये किया जा सकता है। सूत्रों के मानें तो महिला लाभार्थियों के लिए इस रकम को 10,000 से 12,000 हजार किया जा सकता है। इस स्कीम की घोषणा 2019 में की गई थी और लोकसभा चुनावों से पहले इसकी पहली किस्त जारी कर दी गई थी।
पीएम-किसान की रकम छह हजार रुपये से बढ़ाकर 8,000-9,000 रुपये की जा सकती है। किसानों को चार किस्तों में 8,000 रुपये या तीन किस्तों में 9,000 रुपये दिए जा सकते हैं। पीएम-किसान की महिला लाभार्थियों के लिए इसे बढ़ाकर 10 से 12 हजार रुपये किया जा सकता है। सरकार ने इस साल बजट में पीएम-किसान के लिए 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अगर इस राशि को बढ़ाकर 8,000 रुपये किया जाता है तो सालाना आवंटन बढ़ाकर 88,000 करोड़ रुपये करना होगा। इसी तरह पीएम-किसान की राशि 9,000 रुपये किए जाने पर सालाना आवंटन 99,000 करोड़ रुपये होगा।
आ चुकी हैं 15 किस्तें
सरकार का टैक्स और रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है। हालांकि इससे राजकोषीय घाटे की स्थिति गड़बड़ा सकती है। सरकार ने इस साल इसे जीडीपी का 5.9 परसेंट रखने का लक्ष्य रखा है और आगे इसमें कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई है। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हो सकती है। मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। पीएम-किसान के तहत पैसा सीधे किसानों के खाते में जाता है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम माना जाता है। पिछले पांच साल में सरकार 15 किस्तों में 2.8 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर कर चुकी है।
सभी किसानों को शामिल किया
शुरुआत में पीएम-किसान योजना को केवल सीमांत और छोटे किसानों के लिए शुरू किया गया था लेकिन बाद में सभी किसानों को इसमें शामिल कर लिया गया। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत पैसे तभी दिए जाते हैं जब राज्य सरकार आवेदन करने वाले किसान के रेवेन्यू रिकॉर्ड, आधार नंबर और बैंक अकाउंट नंबर को सही पाकर उसे वेरीफाई कर दे। कृषि स्टेट सबजेक्ट होने की वजह से लाभ तब तक नहीं मिलता है जब तक राज्य सरकार उस रेकॉर्ड को वेरीफाई नहीं कर दें। राज्य सरकार के वेरीफाई करने के बाद स्नञ्जह्र जेनरेट होता है और केंद्र सरकार पैसा अकाउंट में डाल देती है।